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दरभंगा के लाल 'प्रभाकर' को 15 साल की उम्र में मिला अमेरिका के वैश्विक मंच से आमंत्रण Darbhanga News

ग्लोबल यूथ लीडरशीप समिट में भारतीय एंबेसडर के रूप में हुआ चयन। अमेरिका के सेन डियागो में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने सोमवार की रात मुंबई से रवाना।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 09:46 AM (IST)
दरभंगा के लाल 'प्रभाकर' को 15 साल की उम्र में मिला अमेरिका के वैश्विक मंच से आमंत्रण Darbhanga News
दरभंगा के लाल 'प्रभाकर' को 15 साल की उम्र में मिला अमेरिका के वैश्विक मंच से आमंत्रण Darbhanga News

दरभंगा, जेएनएन। अमेरिका के शहर सेन डियागो में दरभंगा की प्रतिभा का परचम लहराने वाला है। जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के घनश्यामपुर गांव के महज पंद्रह साल के प्रभाकर प्रदीप मिश्रा ने अपनी प्रतिभा का ऐसा जौहर दिखाया कि सेन डियागो में होने वाले ग्लोबल यूथ लीडरशीप समिट में उसे भारतीय एंबेसडर के रूप में आमंत्रित किया गया है। 30 जुलाई से 4 अगस्त तक होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रभाकर सोमवार की रात मुंबई से ब्रिटिश एयरवेज के विमान से रवाना हुआ। उसकी स्वदेश वापसी 6 अगस्त हो होगी। मुंबई के आरबीके ग्लोबल स्कूल के दसवीं के छात्र प्रभाकर ने अपनी इस उपलब्धि से अपने परिवार समेत पूरे मिथिलांचल का मान बढ़ा दिया है। 

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परिवार में खुशी की लहर

पैतृक गांव में रहने वाले प्रभाकर के दादा पूर्व जिला पार्षद चंद्रबोध मिश्रा, दादी उषा देवी, चाचा जिला पार्षद दीपक मिश्रा समेत अन्य परिजन व आधारपुर स्थित ननिहाल में खुशियों का माहौल है। दादा-दादी अपने पोते की सफलता से गदगद हैं। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। बचपन से ही प्रभाकर मेधावी रहा, लेकिन इस तरह अपने परिवार का नाम रौशन करेगा, यह सोचकर ही रोमांच हो रहा है। प्रभाकर अपने माता-पिता व छोटे भाई के साथ मुंबई में रहता है। पिता प्रदीप मिश्रा मुंबई में इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज में प्रोडक्ट रिसर्च डिपार्टमेंट में वाइस प्रेसिडेंट हैं। मां वंदना मिश्रा गृहिणी हैं, लेकिन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर उनकी पूरी नजर रहती है।

 पिता प्रदीप ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि स्कूल के माध्यम से ही प्रभाकर का चयन हुआ। मार्च 2019 में इसका इंटरव्यू हुआ था और अप्रैल में सूचना मिली की प्रभाकर का चयन हो गया है। इसके बाद वीजा-पासपोर्ट आदि बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। कहा कि प्रभाकर की सफलता में उसकी मां का विशेष योगदान रहा। साथ ही पूरे परिवार के आशीर्वाद से उसने यह सफलता पाई है। बताया कि प्रभाकर पढ़ाई के साथ ही अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहता है। जब स्कूल में प्रतियोगिता चल रही थी तो उम्मीद नहीं थी कि प्रभाकर उनकी उम्मीदों को इस कदर पूरा करेगा।

 सेन डियागो में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन द टोनी रॉबिन्स फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित होगा और यही संस्था प्रभाकर के मुंबई से अमेरिका आने-जाने व वहां रहने का पूरा खर्च वहन कर रही है। मुंबई में स्थानीय स्तर पर लायंस क्लब कोआर्डिनेट कर रही है। 

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