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ब‍िहार में सोलर सिस्टम से दूषित जल को बनाया जा रहा पीने योग्य, ऐसे हो रहा तकनीक का इस्‍तेमाल

Madhubani new कमला नदी के किनारे बसे करीब 50 गांवों के ढ़ाई हजार परिवारों में हो रहा इस तकनीक का उपयोग।सूर्य की पराबैंगनी किरणों की मदद से हानिकारक रोगाणुओं को नष्ट कर पानी को बनाया जाता पीने योग्य।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 04:10 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 04:10 PM (IST)
ब‍िहार में सोलर सिस्टम से दूषित जल को बनाया जा रहा पीने योग्य, ऐसे हो रहा तकनीक का इस्‍तेमाल
पटना में सोलर सिस्टम किट से जल शुद्धिकरण प्रकिया की जानकारी लेती परिवहन मंत्री शीला मंडल (फाइल फोटो)

मधुबनी {कपिलेश्वर साह}। कमला नदी के किनारे बसे करीब 50 गांवों के 2500 परिवारों के 20 हजार लोग बीते चार साल से सोलर सिस्टम वाडी किट अपनाकर दूषित जल को पीने योग्य बना रहे हैं। इसके लिए लोगों को निशुल्क सोलर सिस्टम वाडी किट उपलब्ध कराई गई है। सोलर वाटर डिसइंफेक्शन सिस्टम पानी से आयरन की मात्रा कम कर उसे शुद्धकर देता हैं। सूर्य की पराबैंगनी किरणे डेढ़ से तीन घंटे में कांच के बोतलों में रखे दूषित पानी को पीने लायक बना देती है। इससे जलजनित रोगों से बचाव हो रहा है। आमतौर पर दूषित जल की शुद्धि के लिए पानी को आग या बिजली उपकरणों से गर्म किया जाता है। वहीं, इस सोलर सिस्टम को अपनाने से इन तरीकों से छुटकारा मिल गया है।

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ऐसे शुद्ध होता है दूषित जल 

Óएक्सेस टू सेफ ड्र‍िक‍िंग वाटरÓ परियोजना के तहत सौर ऊर्जा से संचालित वाडी किट में कांच की बोतलों में नदी, चापाकल व तालाब के जल भरकर उसे घूप में रखा जाता है। सूर्य की पराबैंगनी किरणें बोतलों के पानी को गर्म करते हुए उसमें हानिकारक रोगाणुओं को निष्क्रिय करने लगती है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर बोतलों के बीच रखी गई सोलर सिस्टम वाडी किट के डिस्प्ले पर एक खुशनुमा चेहरा जल शुद्धि का संकेत देता है। इस तरह बोतलों के दूषित जल को पीने लायक शुद्ध माना जाता है। शुद्ध हो चुके जल को बोतल से निकाल अन्य बर्तनों में रखकर उसका उपयोग किया जाता है।

23 पंचायतों के लोग ले रहे सोलर वाटर डिसइंफेक्शन सिस्टम का लाभ 

सोलर वाटर डिसइंफेक्शन सिस्टम का लाभ उठाने वालों में जिले के जयनगर, बाबूबरही, खजौली व अंधराठाढ़ी प्रखंडों के 23 पंचायतों के 78 वार्डों के लोग शामिल हैं। इस्लामपुर, बेतौना, महाराजपुर चरमा टोल, श्यामसिधप, तारापट्टी माठ, बिठौनी पूर्वी सहित 50 गांवों के 20 हजार लोग मुख्य रूप से पशुपालन, खेती-बाड़ी व मजदूरी पर निर्भर हैं। ये लोग वर्ष 2019 से सोलर सिस्टम अपनाकर दूषित पानी को शुद्धकर उसका सेवन कर रहे हैं।

2500 परिवार को निशुल्क किट उपलब्ध 

घोघरडीहा प्रखंड स्वराज विकास संघ व अंतरराष्ट्रीय संस्था वेल्टहंगर हिलफे के सहयोग से निशुल्क सोलर वाटर डिसइंफेक्शन सिस्टम Óवाडी किटÓ उपलब्ध कराई गई है। संघ के अध्यक्ष रमेश कुमार स‍िंह ने बताया कि इस वर्ष बिहार दिवस पर पटना में आयोजित प्रदर्शनी में संघ के स्टाल पर सोलर सिस्टम किट का परिवहन मंत्री शीला मंडल ने अवलोकन करते हुए इसकी सराहना की। सोलर वाटर डिसइंफेक्शन सिस्टम का शोध स्विस वाटर रिसर्च इंस्टिट््यूट (इआवाग) द्वारा किया गया है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने भी स्वीकृति दी है। वाडी सिस्टम घरेलू स्तर पर जल उपचार तकनीक के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित मानकों को पूरा करता है। जल में सूक्ष्म जीवाणुओं व प्रोटोजोआ को निष्क्रिय करने में यह प्रभावी है। वायरस के विरूद्ध भी यह कारगर है। परियोजना समन्वयक मो. अताउल्लाह ने बताया कि सोलर सिस्टम से जल शुद्धिकरण बगैर किसी खर्च का आसान तरीका है।

सोलर सिस्टम किट से शुद्ध जल सेवन के प्रति बढ़ी जागरूकता

सोलर सिस्टम किट अपनाने वाली अलका कुमारी, पवित्री देवी, नूरजहां खातून, राजकुमारी देवी, सुनीता देवी, पवन देवी, रामझारी देवी, नीलम देवी, वीणा देवी, अनिता देवी ने बताया कि किट से दूषित जल को शुद्धकर पीने योग्य बनाकर इसका सेवन करते हैं। शुद्ध जल के सेवन से पेट संबंधी शिकायतों से छुटकारा मिल रहा है। जल सहेली रीता देवी, सुमित्रा देवी व जल योद्धा जयकिशुन देव, संजय कुमार ने बताया कि लोगों में सोलर सिस्टम किट से जल शुद्धि के बाद इसके सेवन के प्रति जागरूकता आई है। इससे जल के दुरुपयोग पर भी अंकुश लगा है।


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