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विवि का कमाल: मार्क्ससीट में फेल पीजी की छात्रा आरटीआइ में निकली पास, सुधार को काट रही चक्कर

अंक पत्र में मिले थे महज 10 नंबर, कॉपी में दिया गया 51 नंबर, एमडीडीएम की छात्रा ने रिजल्ट सुधारने के लिए किया दावा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 03:21 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 04:00 PM (IST)
विवि का कमाल: मार्क्ससीट में फेल पीजी की छात्रा आरटीआइ में निकली पास, सुधार को काट रही चक्कर
विवि का कमाल: मार्क्ससीट में फेल पीजी की छात्रा आरटीआइ में निकली पास, सुधार को काट रही चक्कर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय अपना कमाल हमेशा दिखाते रहता है। इस विवि से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फेल को पास और पास को फेल के चक्कर में पड़कर वे पसोपेश में हैं। ऐसा ही कुछ पीजी कर रही एक छात्रा के साथ भी हुआ। मार्क्ससीट में फेल करार दी गई अदिति श्रीवास्तव ने जब आरटीआइ दाखिल कर अपनी कॉपी देखी तो स्तब्ध रह गई। इसमें उसे 10 नंबर मिले हैं, जबकि कॉपी में 51 नंबर आए हैं।

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   2016-18 सेशन की यह छात्रा एमडीडीएम से अर्थशास्त्र में पीजी कर रही है। रिजल्ट सुधारने के लिए अब वह परीक्षा विभाग के चक्कर काट रही है। बुधवार को वह परीक्षा नियंत्रक से भी मिली तो उन्होंने पीजी के संबंधित क्लर्क उपेंद्र द्विवेदी के यहां भेज दिया। छात्रा का दावा है कि 100 नंबर की कॉपी में उसने 75 नंबर के उत्तर लिखे हैं।

छात्रा ने सुनाई आपबीती

मैंने जब अपना अंक पत्र देखा तो मुझे पेपर थर्ड में 10 नंबर ही थे। आरटीआइ दाखिल की तो पता चला कि उसमें मुझे 51 नंबर आए हैं। जिस वजह से अब मुझे रिजल्ट सुधारवाने के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। परीक्षा छह फरवरी से आरंभ है। अगर मेरा कुछ नहीं होता है तो फिर परीक्षा देनी पड़ेगी। मैं अपनी कॉपी देख रही हूं तो 100 में 75 अंक आ रहे हैं। यहां के पदाधिकारी-कर्मचारी बार-बार इधर से उधर दौड़ा रहे हैं। चाहती हूं कि जल्द से जल्द मेरी कॉपी ठीक कराई जाए।

    परीक्षा नियंत्रक के पास गई तो उन्होंने मेरी आपबीती सुनकर उपेंद्र द्विवेदी कर्मचारी के यहां भेज दिया। उन्होंने 3 फरवरी को दोबारा आने को कहा है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओपी रमण ने कहा कि माक्र्स फाइल व कॉपी पर सबकुछ ठीक पाया गया है। तकनीकी भूल से ऐसा हो गया लगता है। उसको ठीक कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। उस छात्रा को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।


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