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पूरे दिन जश्न में डूबा रहा शहर, देर शाम तक चला हैप्पी न्यू ईयर कहने का सिलसिला

नगर निगम को पार्क के प्रवेश शुल्क से चार लाख की आमदनी हुई जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से भी अधिक है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 07:25 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 07:25 PM (IST)
पूरे दिन जश्न में डूबा रहा शहर, देर शाम तक चला हैप्पी न्यू ईयर कहने का सिलसिला
पूरे दिन जश्न में डूबा रहा शहर, देर शाम तक चला हैप्पी न्यू ईयर कहने का सिलसिला

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहरवासियों ने बेहतर कार्य और सकारात्मक संकल्प के साथ 2019 के पहले दिन की शुरुआत की। ' हैप्पी न्यू ईयर' और 'नववर्ष मंगलमय हो ' के संदेश के साथ शहरवासियों ने खुशियां मनाईं। बांसुरी, खिलौने, गुब्बारे, आइसक्रीम, चाट, गोलगप्पे समेत खाने-पीने की अन्य सामग्री से लेकर मस्ती के साधनों के साथ सड़कों और पिकनिक स्पॉट पर रौनक छाई रही। जगह-जगह केक काटे गए। हर ओर डांस और मस्ती का आलम रहा।

न्यू ईयर सेलिब्रेशन का आलम यह रहा कि बच्चों की टोली जहां अपने में मस्त थी, वहीं युवा दोस्तों के साथ सैर-सपाटे के लिए निकल गए। बड़े-बुजुर्ग भी पीछे नहीं थे। समूह बना कर देश-समाज और साल की घटनाओं और उपलब्धियों की समीक्षा कर रहे थे। महिलाएं भी मोहल्लों में छतों और गलियों में निकल एक-दूसरे को बधाई दे रही थीं।
अधिकतर लोगों की नए साल के पहले दिन की शुरुआत मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन से हुई। सबका यही कहना था कि साल की शुरुआत अच्छी होगी तो पूरा साल अच्छा रहेगा। वे पहले दिन की अच्छाई रूपी नींव पर पूरे साल की बुलंद इमारत खड़ी करना चाहते थे। मन में कोई नकारात्मक विचार नहीं था, सब सकारात्मक ही सोच और कर रहे थे।
देर तक चला सिलसिला

साल के पहले दिन मंगलवार की देर रात लोगों का एक-दूसरे को हैप्पी न्यू इयर कहने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। अनजाने लोगों को भी लोगों ने बधाई दी। फोन की घंटियां देर रात तक बजती रहीं।
झूले का लिया मजा, लजीज व्यंजन का स्वाद
जुब्बा सहनी पार्क, हाथी चौक, बैरिया गोलंबर, जीरो माइल और भगवानपुर चौक स्थित लगे झूलों पर बच्चों ने जमकर मस्ती की। इनके अलावा भी जगह-जगह बच्चों के मनोरंजन के इंतजाम थे। नयना, संजय, रितेश, मानू व मोहित सहित दर्जनों बच्चों ने बताया कि नाव, चकरी, हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, बे्रकडांस वाले झूले पर मजा किए।
चाट और गोलगप्पे वालों की मौज
 खाने-पीने की दुकानों पर भी खूब मौज रही। चाट और गोलगप्पे के गुलछर्रे उड़ाए। युवाओं का कहना था कि आम दिनों में भी गोलगप्पे या चाट खाते हैं, मगर आज ठेले और खोमचों पर खड़े होकर खाने में जो मजा है, वो साल में एक ही बार आता है। भीड़ में पहले गोलगप्पे पाने के लिए प्लेटों का टकराना....आह मजा आ जाता।
टैटू का भी रहा क्रेज
जुब्बा सहनी पार्क व अस्थायी टैटू बनाने वालों का भी क्रेज रहा। रीमा, सौम्या, रिम्मी, रॉकी व गुड्डू ने अलग-अलग स्टाइल में टैटू बनवाए। कोई अपना नाम लिखवा रहा था, तो कोई देवी-देवताओं की भी तस्वीर बनवा रहा था।
जुब्बा सहनी पार्क ने कमाई का रिकॉर्ड तोड़ा
 नववर्ष पर जुब्बा सहनी पार्क में आने वालों के सैलाब ने निगम की कमाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। निगम को पार्क के प्रवेश शुल्क से चार लाख की आमदनी हुई जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से अधिक है। वह भी तब जब पार्क को संध्या सात बजे बंद कर दिया। प्रधान सहायक अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में न सिर्फ रिकॉर्ड कमाई हुई, बल्कि पार्क में किसी प्रकार का हो-हंगामा एवं मारपीट की घटना नहीं हुई। निगम के दो सौ से अधिक कर्मचारियों ने दिनभर व्यवस्था को लेकर जमकर पसीना बहाया। अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पार्क में बीस से 25 हजार लोगों ने नववर्ष पर पिकनिक मनाया है। इस बार प्रवेश शुल्क बीस रुपया रखा गया था। प्रवेश शुल्क आम दिनों से दोगुना होने के बाद भी पार्क में लोगों की रिकॉर्ड भीड़ हुई।

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