दिल्ली के करीब पहुंचा मुजफ्फरपुर जिले का प्रदूषण स्तर
हवा में धूलकण की मात्रा ज्यादा, सांस संबंधी मरीज परेशान, बढ़ी संख्या।मुजफ्फरपुर का एक्यूआइ वेरी पुअर श्रेणी में।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। जिले का प्रदूषण स्तर बिहार में दूसरे स्थान जबकि दिल्ली से दो अंक पीछे रहा। यहां का एक्यूआइ बुधवार दीपावली के दिन शाम चार बजे से गुरुवार की शाम चार बजे तक 388 पर रहा। जबकि, दिल्ली का एक्यूआइ 390, पटना 427 व गया का 280 पर पहुुंचा। मुजफ्फरपुर की एयर क्वालिटी इंडेक्स में आंके गए प्रदूषित धूलकण/पार्टिकल मैटर (पीएम 2.5) का स्तर राष्ट्रीय औसत से दो से तीन गुना ज्यादा रहा।
पिछले साल की रिपोर्ट खराब
सेंटर फॉर इन्वायर्नमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता च्योति ने बताया कि इस साल की तरह पिछले साल भी प्रदूषण स्तर खराब था। एक सर्वे के मुताबिक, पिछले साल दीपावली के पहले व बाद मुजफ्फरपुर की एयर क्वालिटी में आंके गए प्रदूषित धूलकण/पार्टिकल मैटर (पीएम 2.5) का स्तर राष्ट्रीय औसत से दो से तीन गुना ज्यादा था। 2017 में 16 से 22 अक्टूबर के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'खराब' से 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया था। अचानक तापमान और हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषित धूलकण/ पार्टिकल्स मैटर बढऩे लगे हैं। अभी ठंड की शुरुआत के साथ ही मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण को अलार्मिंंग स्तर पर आंका गया है। इधर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पटना के वरीय वैज्ञानिक डॉ. एसएन जायसवाल ने कहा है प्रदूषण के मानक को ठीक रखने के लिए इसका पूरा ख्याल रखना चाहिए। मुजफ्फरपुर का एक्यूआइ वेरी पुअर श्रेणी में है।
प्रदूषण का इस तरह से मानक
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने जो मानक तय किया है। उसके हिसाब से एक्यूआइ 0 से 50 तक गुड, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मॉडेरेट, 201 से 300 तक पुअर तथा 301 से 400 तक वेरी पुअर माना गया है।
इस तरह रही प्रदूषण की चाल
तिथि --एक्यूआइ
08 नवंबर-388
07 नवंबर-256
06 नवंबर-307
05 नवंबर-381
04 नवंबर-330
03 नवंबर-313
02 नवंबर-256
01 नवंबर-183
सांस रोगियों की बढ़ी पीड़ा
गुरुवार को आम दिनों से ज्यादा सांस संबंधी बीमारी के मरीज पहुंचे। सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक सांस संबंधी मरीजों की संख्या में 20 से 25 फीसद तक इजाफा हुआ। श्री हॉस्पीटल के संचालक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एके दास ने बताया कि सांस से परेशान मरीज ज्यादा आए। जो पहले से सांस संबंधी बीमारी के मरीज हैं, उन्हें ज्यादा परेशानी बढ़ी। यह अनुपात 25 प्रतिशत तक रहा। इधर, सदर अस्पताल में गुरुवार को दो सौ मरीज आए। इसमें 25-30 मरीजों ऐसे थे जिनको सांस संबंधी परेशानी रही। वरीय चिकित्सक डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि आम दिनों से ज्यादा मरीज अस्पताल से लेकर उनके क्लीनिक में इलाज कराने पहुंचे।