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बच्चा चोरी मामला: बच्चों के सौदागर अस्पताल संचालक को रिमांड पर लेगी पुलिस Muzaffarpur News

अहियापुर के भिखनपुर के मां भगवती अस्पताल से बच्चों को बेचने के अवैध धंधे के भंडाफोड़ के बाद स्थानीय पुलिस ने शुरू की पड़ताल। एसएसपी ने कार्रवाई का दिया निर्देश।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 09:43 PM (IST)
बच्चा चोरी मामला: बच्चों के सौदागर अस्पताल संचालक को रिमांड पर लेगी पुलिस Muzaffarpur News
बच्चा चोरी मामला: बच्चों के सौदागर अस्पताल संचालक को रिमांड पर लेगी पुलिस Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अहियापुर के भिखनपुर स्थित मां भगवती अस्पताल से चोरी के बच्चों को बेचने के धंधे में गिरफ्तार संचालक विजय कुमार चौधरी को स्थानीय पुलिस रिमांड पर लेगी। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करने की बाबत वरीय पुलिस अधीक्षक जयंत कांत ने अहियापुर पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए हैं। एसएसपी ने कहा कि विजय के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करें। थाने में दर्ज बच्चों के लापता होने के मामले में उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करें। 

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 बताया गया है कि करीब एक दशक पहले से विजय भिखनपुर में अस्पताल का संचालन कर रहा था। किसी को इस गोरखधंधे की भनक तक नहीं थी। इस बीच मंगलवार को भागलपुर स्टेशन पर जब उसकी सहयोगी महिला मुंगेर की कल्पना पकड़ी गई तो इस बात का पर्दाफाश हुआ कि भिखनपुर से बच्चों को चोरी कर बेचने का एक बड़ा रैकेट संचालित हो रहा है। छापे के दौरान यहां से संचालक व उसकी महिला सहयोगी (कथित पत्नी) सारिका पकड़ी गई।

 दोनों की निशानदेही पर भागलपुर से एक बच्चे की बरामदगी पूर्वी चंपारण के अरेराज स्थित बहादुरपुर से की गई। मामले में पकड़ी गई खरीदार शोभा चौधरी ने भी बच्चों के सौदागर की पहचान की। अहियापुर थाने में मुजफ्फरपुर के सिटी एसपी पीके मंडल व अन्य अधिकारियों ने भी विजय से सघन पूछताछ की। इस बीच अहियापुर के जीरो माइल से एक बच्चे के लापता होने का मामला इस थाने में सितंबर में दर्ज हुआ है। इस मामले में भी विजय की भूमिका संदिग्ध है। ऐसे में पुलिस उसे रिमांड पर लेगी।  

मास्टर माइंड के औराई अस्पताल से भागे कर्मी, सन्नाटा

बच्चा चोर के मास्टर माइंड विजय चौधरी के औराई बाजार स्थित अस्पताल से गुरुवार को सभी कर्मी भाग गए। वहां सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि अभी उसमें ताला नहीं लगा है, लेकिन सभी गेट बंद थे। कुछ लोगों ने बताया कि इस अस्पताल में एक-दो माह में स्टॉफ बदलता रहता था। एक सप्ताह पहले दो एएनएम आई थीं। वे अपने को नालंदा का बता रही थीं। सुबह में सभी को देखा गया, लेकिन दस बजे से पहले ही सभी लोग अस्पताल व आवासीय परिसर से एक-एक कर चुपचाप निकल गए।

 मालूम हो कि बाजार पर विगत पांच वर्ष से निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ जांचघर भी है। ढाई माह पहले देकुली बिचला टोला के छोटे राय के परिवार में एक बच्चे का इसी अस्पताल में जन्म हुआ था। वहां उपस्थित डॉक्टरों के उसे मृत घोषित कर देने पर परिजन अंतिम संस्कार के लिए उसे घर ले जा रहे थे। इसी दौरान उसके शरीर में हलचल होते देख परिजन उसे किसी अन्य डॉक्टर के यहां ले गए। इसके बाद उसकी जान बचाई जा सकी। वह अब स्वस्थ है। 


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