शारीरिक दूरी बनी रहे, इसलिए पहले गाना..फिर समझाना, जनिए इस पुलिसवाले के बारे में
समस्तीपुर के मुसरीघरारी थाना प्रभारी विशेष अंदाज में लोगों को कर रहे जागरूक। फिल्मी गीत और डायलॉग्स के साथ लोगों को लॉकडाउन के फायदे बताते।
समस्तीपुर (सरायरंजन), कुमोद कुमार गिरि। लॉकडाउन में शारीरिक दूरी बनी रहे, इसलिए पहले गाना..फिर लोगों को समझाना। संवाद फिल्मों के, संदेश जीवन का। कभी ठाकुर तो कभी सांभा..किरदार अलग। निराले अंदाज में मुसरीघरारी थाना प्रभारी प्रतिदिन संदेश देते कि भाई-बंधु कुछ दिन घर में रहो ना। लोगों पर इनकी बातों का जादू, इसलिए अक्षरश: पालन करते।
अरे ओ सांभा..!
थाना प्रभारी हर सुबह ड्राइवर और दो सहयोगियों के साथ निकल जाते। खुद फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते, इसलिए गाड़ी में भी क्रॉस सीटिंग कराते। बाजार में पहुंचते ही विशेष अंदाज शुरू हो जाता। फिल्म शोले का उनका डायलॉग खूब चर्चा में है। सहयोगी से पूछते, अरे ओ सांभा.. लॉकडाउन का पालन नहीं करनेवाले के ऊपर सरकार ने कितना जुर्माना रखा है रे? सांभा बना कांस्टेबल जब कहता कि सरदार, जेल और हजारों का जुर्माना। इस पर छतों से देख रहे लोग उन्हें सैल्यूट करते और उनके अंदाज की सराहना करते। उनके इस अंदाज और पहल का असर है कि कई हिस्सों में स्वत: अनुशासित होकर लोग लॉकडाउन का अनुपालन कर रहे।
हर किसी में भरते उत्साह
थानाध्यक्ष विशाल कुमार सिंह ने गाड़ी पर एक मिनी लाउडस्पीकर लगा रखा है। चौक-चौराहों पर खड़े होकर लोगों को कोरोना वायरस और उसके संक्रमण की जानकारी देते। इसके बाद शुरू होता मनोरंजक अंदाज। जिंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है., जिंदगी हर कदम एक नई जंग है.., ये गीत लोगों का उत्साहवर्धन करते। कहते हैं कि हम सबके सामने यह संघर्ष का दौर है। अगर, हमारे गीत और डायलॉग्स से लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे तो यह बेहतर है।
बैंक और मंडी में पुलिस की विशेष चौकसी
बैंक और सब्जी मंडी जानेवाले लोगों और वहां की व्यवस्था पर उनकी विशेष नजर रहती। राशन की दुकान आदि जगहों पर निश्चित दूरी के साथ गोले बनवाना और भीड़ जमा न होने देना। लॉकडाउन तोड़ने के मामले में मुसरीघरारी थाने में अब तक एक प्राथमिकी दर्ज की है, जबकि कुछ बाइक सवारों पर जुर्माना लगा है।