कहनानी हत्याकांड की फाइल पुलिस के ठंडे बस्ते में, अबूझ पहेली बना यह मामला
सुशील छापडिय़ा सिंडिकेट से जुड़े एक जमीन कारोबारी के माध्यम से बुलाया गया था शूटर, मामले में श्याम भीमसेरिया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अशोक कहनानी हत्याकांड की फाइल पुलिस के ठंडे बस्ते में है। हत्याकांड का शीघ्र पर्दाफाश करने का दावा के बाद फिर से फाइल दबा दी गई है। कहा जा रहा कि आरोपितों को बचाने के लिए पुलिस ने मामले में शिथिल रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। बता दें कि समीर हत्याकांड में गिरफ्तार शूटर गोविंद समेत अन्य आरोपितों से पूछताछ में शहर की कई अनसुलझी घटनाओं का परत दर परत पर्दाफाश किए जाने का पुलिस ने दावा किया था।
करीब तीन साल पूर्व कहनानी हत्याकांड अब तक जिला पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। गोविंद ने अपने बयान में बताया था कि भाड़े पर शूटर बुलाकर कहनानी की हत्या कराई गई थी। उसके नाम-पते का सत्यापन कर विशेष टीम गिरफ्तारी में जुट गई है। एसएसपी मनोज कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष टीम की कार्रवाई से शहर के हाईप्रोफाइल मर्डर केस का पर्दाफाश होने की उम्मीद बढ़ गई थी। लेकिन पुलिस की शिथिलता से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
साजिश के तहत हुई थी हत्या
शूटर गोविंद के स्वीकारोक्ति बयान व अब तक की जांच में पुलिस को पता चला कि करोड़ों की जमीन के मालिक अशोक कहनानी की हत्या भी साजिश के तहत कराई गई थी। इसलिए कि अशोक कहनानी के बेटे से शहर में सक्रिय भूमि माफिया के सिंडिकेट ने उनकी संपत्ति रजिस्ट्री करा ली थी। लेकिन, पिता के जिंदा रहते बेटे द्वारा संपत्ति बिक्री किए जाने के कारण कहनानी इसका विरोध कर रहे थे। अंतत: जमीन रजिस्ट्री करानेवाले और भूमि माफिया ने कहनानी को ही रास्ते से हटा दिया।
भीमसेरिया और विजेंद्र का सुर्खियों में रहा नाम
पुलिस की मानें तो कहनानी हत्याकांड में श्याम भीमसेरिया, विजेंद्र उर्फ विक्कू समेत जिन लोगों के नाम प्राथमिकी से सुर्खियों में आए थे उनकी कहीं न कहीं, इसमें संलिप्तता दिख रही है। इस दिशा में जांच कर साक्ष्य संकलन कर नकेल कसने की कवायद तेज कर दी गई है।