यूपी से मंगाई गई स्प्रिट से मुजफ्फरपुर में बनाई जा रही जहरीली शराब
धंधेबाजों ने पूछताछ में बताया था कि समस्तीपुर व वैशाली के बलिगांव इलाके में स्प्रिट से नकली शराब बनाई जा रहीे है। यूपी से छपरा के रास्ते मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर में स्प्रिट लाई जा रही है। गिरफ्तार धंधेबाजों के पास से पुलिस को मोबाइल भी मिला था।
मुजफ्फरपुर, जासं। यूपी से मंगाई गई स्प्रिट से जहरीली शराब बनाई जा रही है। पिछले साल दिसंबर में अहियापुर थाना पुलिस ने दो पिकअप वैन पर 16 सौ लीटर स्प्रिट जब्त की थी। पुलिस ने आठ धंधेबाजों को गिरफ्तार किया था। धंधेबाजों ने पूछताछ में बताया था कि समस्तीपुर व वैशाली के बलिगांव इलाके में स्प्रिट से नकली शराब बनाई जा रहीे है। यूपी से छपरा के रास्ते मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर में स्प्रिट लाई जा रही है। गिरफ्तार धंधेबाजों के पास से पुलिस को मोबाइल भी मिला था। इसमें स्प्रिट व शराब के सिंडिकेट से जुड़े धंधेबाजों के नंबर सेव थे। गिरफ्तार धंधेबाजों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर पुलिस शांत हो गई।
पेट में दर्द के साथ होने लगी उल्टी
कांटी (मुजफ्फरपुर), संस : मृतक सुमित की पत्नी शोभा देवी ने बताया कि उनके पति राजमिस्त्री का काम करते थे। वे छठ व्रती थे। पर्व के नहाय खाय के बाद सोमवार की रात्रि अचानक पेट में दर्द के साथ दो उल्टी हुई। वे अपनी मां आशा देवी के साथ पीएचसी कांटी पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने स्थिति को देखते हुए मेडिकल रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई। वही दूसरे मृतक अशोक राय कंस्ट्रक्शन कंपनी में मजदूरी करते थे। उनके पुत्र राहुल कुमार ने बताया कि उल्टी होने व सीने में तेज दर्द होने पर इलाज के लिए शहर के अस्पताल में ले गए जहां उनकी मौत हो गई।
पिता की एक गलती से उजड़ गया परिवार
कांटी (मुजफ्फरपुर), संस : आराध्या, दिव्या, पीयूष और दिव्यांशु ये वो नौनिहाल हैं जिनके दूध के दांत भी नहीं टूटे हैं। जिनके बचपन के अरमान पिता की एक गलती से दफन हो गए। आज छठ के मौके पर जहां पिता और दादी के व्रत से आंगन में छठ गीत गूंजते, वहां मातम है। कुछ घंटे पहले तक हंसते-खिलखिलाते परिवारों में अब सन्नाटा पसरा हुआ है, खामोशी है। सुमित सहित आसपास के घरों में छठ गीत नहीं सुनाई दे रही। अब उन घरों में मातम है। मन ही मन घुटती चीखें अंदर ही अंदर दफन हो रही हैं। घर के सदस्य को खोने के बाद आंखें रोते-रोते अब पथरा सी गई हैं। जिस सदस्य पर पूरे परिवार का जिम्मा था, वह अब दुनिया से विदा हो गया है। स्वजनों को अब घर के लोगों को ये चिंता खाए जा रही है कि कमाऊ सदस्य जाने के बाद नन्हे- मुन्ने नौनिहालों का क्या होगा।