पुस्तक मेला में बही कविता की रसधार
आरडीएस कॉलेज में आयोजित सात दिवसीय पुस्तक मेला में मंगलवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मुजफ्फरपुर। आरडीएस कॉलेज में आयोजित सात दिवसीय पुस्तक मेला में मंगलवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कवियों ने हास्य, श्रृंगार और वीर रस की कविताओं से ऐसी रसधार बहाई कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। केवल पढ़ने के काम नहीं आतीं किताबें, यह चौराहों पर खड़ीं होतीं हैं ट्रैफिक की तरह रास्ता बताने के लिए डॉ.सरोज वर्मा ने जैसे ही यह पंक्तिया पढीं कार्यक्रम में मौजूद लोग तालियां बजाने को मजबूर हो गए। कवियित्री डॉ.पूनम सिंह ने कहा बारिश होती है, बेटियां नहीं आतीं नैहर.., डॉ.पंकज कर्ण ने कहा तेरी मेरी ये दौलत चली जाएगी, रेत के टीले पर यह शोहरत चली जाएगी.. इसके अलावे डॉ.अंजना वर्मा, चांदनी समर, दिव्य भूषण, एमआर चिस्ती, अभिषेक कुमार, रणविजय, सुधीर भगत, सचिन और स्वागत ठाकुर ने भी काव्य पाठ कर वाहवाही लूटी। कवियों का स्वागत डॉ.पूनम कुमारी ने किया। मंच संचालन रमेश त्रतंभर और धन्यवाद ज्ञापन सरोज पाठक ने किया।
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साहित्यिक, धार्मिक और क्रांतिवीरों की गाथाओं का वृहद कलेक्शन
मुजफ्फरपुर : पुस्तक मेले में विभिन्न स्टॉलों पर धार्मिक, साहित्यिक और क्रांतिवीर की गाथाओं का वृहद कलेक्शन उपलब्ध है। वैदिक सात्यि केंद्र बरेली की ओर से लगाए गए स्टॉल पर वीर सावरकर रचित कई पुस्तकें उपलब्ध हैं। स्टॉल संचालक राजेंद्र कुमार ने बताया कि स्वामी दयानंद सरस्वती पर लिखी गई सत्यार्थ प्रकाश की पुस्तक पाठकों की पसंद है। राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर गीतांजलि श्री, मनु भंडारी, मृदुला गर्ग की लिखी गई कई ऐसी पुस्तकें हैं जो साहित्यिक इतिहासों को अपने पन्नों में समेटे है। समय प्रकाशन के स्टॉल पर जयशंकर प्रसाद, रवींद्रनाथ टैगोर, अनवर सुहैल व चंद्रभूषण की प्रतिनिधि कविताओं का बेजोड़ संगम है।