पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड : एफएसएल की सील पर बचाव पक्ष की आपत्ति, पेश नहीं किया जा सका पिस्तौल Muzaffarpur News
जांच के बाद एफएसएल की सील के नमूने कोर्ट में पेश नहीं कर सकी थी सीबीआइ। तीन मोबाइल व अन्य सामान कोर्ट में पेश अगली सुनवाई होगी 15 अक्टूबर को।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सीबीआइ की ओर से एडीजे-6 राधेश्याम शुक्ल के विशेष कोर्ट में पेश पिस्तौल की सील पर बचाव पक्ष ने आपत्ति जताई। बचाव पक्ष की ओर से इसके सील में अंतर का दावा किया गया। इससे वस्तु-प्रदर्श के रूप में इसे विशेष कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। इससे सिवान नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुबोध कुमार की गवाही पूरी नही हो सकी। जबकि तीन मोबाइल व जब्ती सूची को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। मामले की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट ने 15 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है।
अगली तारीख पर पेश होगा सील का नमूना
आरोपित सोनू कुमार सोनी के अधिवक्ता प्रियरंजन अनु ने बताया कि सीबीआइ ने जो पिस्तौल कोर्ट में पेश किया वह बक्से में सीलबंद था। यह सील इसकी जांच करने वाली फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) ने किया था। सीबीआइ की ओर से सील के नमूने को विशेष कोर्ट में पेश नहीं किया गया। इससे इसकी प्रमाणिकता संदेह के घेरे में आ गई। कोर्ट के समक्ष इस तथ्य को रखा गया। सीबीआइ की ओर से बताया गया कि अगली तारीख को एफएसएल सील का नमूना पेश किया जाएगा।
शहाबुद्दीन सहित सभी आरोपितों की विशेष कोर्ट में पेशी
बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बताया कि तिहाड़ जेल में बंद आरोपित पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व भागलपुर जेल में बंद अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां की वीडियो कांफ्रेंसिंग से और मुजफ्फरपुर जेल में बंद अन्य आरोपितों को कोर्ट में लाकर पेश किया गया।
यह है मामला
13 मई 2016 की शाम सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार हत्या कर दी गई थी। पुलिस के बाद इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित सात आरोपितों के विरुद्ध सीबीआइ ने कोर्ट में पिछले साल 21 अगस्त को चार्जशीट दाखिल किया था। विशेष सीबीआइ कोर्ट ने चार्जशीट को संज्ञान में लेकर सेशन ट्रायल चलाने के लिए जिला जज कोर्ट भेजा था। फिलहाल इस मामले का सत्र-विचारण एमपी/ एमएलए के मामले के लिए गठित एडीजे-छह के विशेष कोर्ट में चल रहा। ं