रुन्नीसैदपुर के चिकित्सक बर्खास्त, एईएस पीड़िता के इलाज में कोताही का आरोप Sitamarhi News
अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही व उदासीनता के आरोप में ये कार्रवाई हुई है। उनके इस आचरण के लिए बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल से उनके निबंधन को रद करने की अनुशंसा भी की गई है।
सीतामढ़ी, जेएनएन। चमकी बुखार से आठ साल की एक बच्ची की मौत के मामले में संविदा पर बहाल चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही व उदासीनता के आरोप में ये कार्रवाई हुई है। उनके इस आचरण के लिए बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल से उनके निबंधन को रद करने की अनुशंसा भी की गई है।
हालांकि, सिविल सर्जन डॉ. राकेश चंद्र सहाय वर्मा ने उनकी बर्खास्तगी के बारे में पूछे जाने पर अनभिज्ञता जताई है। कहा कि जब तक विभागीय सूचना नहीं मिल जाती तब तक कैसे इस बात की पुष्टी की जा सकती है। डॉ. अनिल कुमार सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुन्नीसैदपुर में पदस्थापित थे। मालूम हो कि बीते 13 मई को औराई थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव निवासी नंदू राय की आठ वर्षीया पुत्री चांदनी को बेहोशी की अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराई गई थी। उस समय ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
एईएस पीड़िता चांदनी की मौत को गंभीरता से लेते स्वास्थ्य विभाग के तात्कालीन प्रधान सचिव संजय कुमार ने स्पष्टीकरण की मांग की थी। डॉ.अनिल कुमार सिंह के विरुद्ध यह आरोप है कि एईएस पीड़िता के इलाज में एईएस प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं किया गया। डॉ. अनिल कुमार सिंह के जवाब से असंतुष्टि के बाद विभाग ने ये कार्रवाई की।