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पीजी छात्र के अपहरण मामले में एक को आजीवन कारावास, 14 साल पहले किया गया था अपहरण

गायघाट थाना क्षेत्र के जांता गांव के पीजी के छात्र धनंजय कुमार त्रिवेदी के अपहरण मामले में एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 01:23 PM (IST)
पीजी छात्र के अपहरण मामले में एक को आजीवन कारावास, 14 साल
पहले किया गया था अपहरण
पीजी छात्र के अपहरण मामले में एक को आजीवन कारावास, 14 साल पहले किया गया था अपहरण

मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। गायघाट थाना क्षेत्र के जांता गांव के पीजी के छात्र धनंजय कुमार त्रिवेदी के अपहरण मामले में एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे 15 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। सजा पाने वाले में भोजपुर (आरा) जिला के तरारी थाना के करथ गांव के सुनील सिंह उर्फ बूढ़ा सिंह है। इस मामले में कई अन्य दोषियों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। 14 साल पहले काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के कलमबाग चौक के निकट से हुई थी। वहां छात्र किराए के मकान में रह रहा था। अपहरण पांच लाख रुपये फिरौती वसूलने के लिए की गई थी। मामले के सत्र- विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-एक आरपी तिवारी ने उसे सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सुनील कुमार पांडेय ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किए।

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यह है मामला

घटना 25 अक्टूबर 2004 की है। छात्र धनंजय कुमार त्रिवेदी को उसके एक दोस्त बुलाकर अपने साथ ले गया। बाद में उसका अपहरण कर लिया गया। उसके बहनोई के मोबाइल पर अपहरण की सूचना देते हुए अपहर्ताओं ने पांच लाख की फिरौती मांगी। इस संबंध में 30 अक्टूबर 2004 को धनंजय के पिता अजीत कुमार त्रिवेदी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

शौच के बहाने भाग निकला था छात्र

धनंजय ने अपने बयान में कहा है कि उसका दोस्त राकेश कुमार झा उसे कलमबाग चौक के निकट स्थित किराए के मकान से बुलाकर जीरोमाइल ले गया था। वहां से बाइक पर दो अन्य व्यक्ति के साथ सिपाही में भर्ती के बारे में जानकारी लेने का झांसा देकर पुलिस लाइन ले जाने लगा। दादर पुल के निकट पेशाब करने के बहाने राकेश ने बाइक रोकवाया। उसी समय एक मार्शल जीप आकर वहां रुकी। उसमें से उतरे हथियारबंद अपहर्ताओं ने उसे जबरन गाड़ी में बैठा लिया और चलते बने। उसे आरा-कोइलवर के रास्ते अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। अंत में उसे सासाराम के काराकाट में रखा गया। अपहरण के 20-22 दिन के बाद वह शौच के बहाने अपहर्ताओं के चंगुल से भाग कर स्थानीय मुखिया मिथिलेश सिंह के घर पर पहुंचा। मुखिया ने इसकी जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस ने दो अपहर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद छात्र को मुजफ्फरपुर पुलिस के हवाले कर दिया।


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