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India-Nepal tension : नेपाल के लोगों को सेब और अनानास के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही

India-Nepal tension भारत-नेपाल के रिश्तों में आई खटास का दिखने लगा असर। नेपाल में 100 की जगह अब डेढ़ सौ रुपये किलो बिक रहा सेब। 50-55 टन सेब व अनानास रोजाना जाता था नेपाल।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 10:51 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:51 AM (IST)
India-Nepal tension : नेपाल के लोगों को सेब और अनानास के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही
India-Nepal tension : नेपाल के लोगों को सेब और अनानास के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही

सीतामढ़ी, जेएनएन। India-Nepal tension : भारत-नेपाल रिश्तों में आई खटास से व्यापार भी प्रभावित हुआ है। सीमा पर सख्ती के कारण हिमाचल का सेब व पश्चिम बंगाल का अनानास नेपाल नहीं पहुंच रहा है। इससे वहां इसके दाम डेढ़ गुना हो गए हैं। इस कारण जिले के सीमावर्ती व्यापारियों व मजदूरों से लेकर नेपाल के व्यवसायी भी प्रभावित हैं। भारत के ही तकरीबन 20 हजार मजदूरों और व्यवसायियों पर इसका असर पड़ा है।

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तल्खी के चलते सीमा पार माल नहीं जा रहा

सीतामढ़ी जिले के सीमावर्ती सोनबरसा, भुतही, कन्हौली, बैरगनिया, भि_ामोड़ से नेपाल में फलों और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति होती है। पहले कोरोना के चलते लॉकडाउन और अब भारत व नेपाल के बीच बिगड़ते रिश्ते से इस पर काफी प्रभाव पड़ा है। सीतामढ़ी शहर के फल व्यवसायी मो. ताहिर और मो. मुर्तुजा के अनुसार प्रतिदिन तकरीबन 30 टन सेब व 25 टन अनानास की सप्लाई नेपाल में होती थी। एक तो अभी आवक कम है, ऊपर से रिश्ते में तल्खी के चलते सीमा पार माल नहीं जा रहा। सीमा पर सख्ती के चलते फलों की सप्लाई चोरी-छिपे हो रही है। नेपाल में सप्लाई नहीं होने से स्थानीय व्यवसायियों को प्रतिदिन पांच से छह लाख का नुकसान हो रहा है। इस प्रकार महीने में तकरीबन दो करोड़ तक के नुकसान का अनुमान है।

आवक कम होने से सप्लाई प्रभावित

सीतामढ़ी बाजार समिति की फल मंडी के थोक विक्रेता लालबाबू का कहना है कि भि_ामोड़ बॉर्डर से ही रोजाना पांच से छह ट्रक सेब और अनानास जाता था। एक तो अभी सेब का सीजन ऑफ चल रहा, दूसरा पश्चिम बंगाल से अनानास भी नहीं आ रहा है। इस कारण नेपाल में सप्लाई प्रभावित है। सोनबरसा सीमा के फल व्यवसायी नेवाजी शेख और लालबाबू ने बताया कि नेपाल को आपूर्ति प्रभावित हुई है। बैरगनिया बॉर्डर के व्यवसायी सुरेंद्र प्रसाद, मौजेलाल, राहुल कुमार व प्रमोद साह का कहना है कि कुछ माह पहले तक सेब 55-60 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदकर 65-70 रुपये नेपाल में बेचते थे। अभी बिक्री बंद है।

नेपाल में तेजी से बढ़ रही महंगाई

नेपाल के सरलाही जिले के व्यवसायी रामसागर महतो ने बताया कि भारत से आवक कम होने से दाम डेढ़ गुना से अधिक हो गया है। सेब सौ रुपये की जगह डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो बिक रहा। अनानास 30 की जगह 50 रुपये प्रति पीस बिक रहा। वहीं, रौतहट शहर के व्यवसायी नगीना राउत का कहना है कि भारत से फलों की आवक न के बराबर है। चोरी-छिपे व्यवसाय हो रहा है। इससे महंगाई चरम पर है। थोक व्यवसायी महीने में एक करोड़ से अधिक का सेब व अनानास मंगवाते थे। लेकिन, सीमा पर सख्ती से यह प्रभावित है। महंगाई बढ़ गई है।

मजदूर से लेकर भारतीय कारोबारी भी प्रभावित

नेपाल के सीमावर्ती शहरों और बाजारों तक बिहार के व्यवसायियों की अच्छी पैठ है। वे दूसरे प्रांतों से जरूरी सामान मंगाकर नेपाल पहुंचाते हैं। कई बिहारी व्यवसायी ऐसे हैं, जिनके प्रतिष्ठान नेपाल में भी हैं। आपूर्ति के दौरान सामान की लोडिंग-अनलोडिंग में बिहारी श्रमिकों की भूमिका होती है। सीतामढ़ी के अधिकतर श्रमिक नेपाल के सर्लाही, रौतहट, बीरगंज, मलंगवा, जनकपुर आदि में रोजी-रोटी कमाते हैं। कोरोना और रिश्ते बिगडऩे से तकरीबन 20 हजार लोगों के बेरोजगार होने का अनुमान है। इनमें मजदूर से लेकर व्यवसायी तक हैं। पुपरी के रामप्रवेश बुबना का कहना है कि वे दिल्ली से स्टेशनरी का सामान मंगाकर काठमांडू सप्लाई करते थे। प्याज के बड़े व्यवसायी मो. इस्लाम महीने में 10 ट्रक जरूर भेजते थे। इस समय सप्लाई ठप है।


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