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India -Nepal Tension : नेपाल में काम करने वाले आधा दर्जन गांवों के लोग बेरोजगार, इस तरह चल रहा उनका जीवन

India -Nepal Tension रक्सौल के सीमावर्ती गांवों के लोग नेपाल में मजदूरी करने से लेकर दुकानें चलाते ।रिश्तों में आई खटास और कोरोना के चलते सीमा सील होने से आर्थिक संकट।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 07:10 AM (IST)
India -Nepal Tension : नेपाल में काम करने वाले आधा दर्जन गांवों के लोग बेरोजगार, इस तरह चल रहा उनका जीवन
India -Nepal Tension : नेपाल में काम करने वाले आधा दर्जन गांवों के लोग बेरोजगार, इस तरह चल रहा उनका जीवन

पूर्वी चंपारण, [विजय कुमार गिरि]। भारत-नेपाल के रिश्तों में आई खटास और सीमा सील होने से रक्सौल के आधा दर्जन गांवों के तकरीबन 22 सौ लोग के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। ये लोग नेपाल में मजदूरी सहित कई अन्य काम करते थे। रक्सौल अनुमंडल के भलुवाहा, सिवान टोला, पनटोका, अहिरवा टोला, सहदेवा और बलिरामपुर के लोग प्रतिदिन नेपाल काम करने जाते थे। ये लोग वहां की प्रमुख औद्योगिक नगरी पर्सा और वीरगंज में रिक्शा, ठेला, तांगा, वाहन चलाने के अलावा राजमिस्त्री, मोटर मैकेनिक व कल-कारखानों में काम करते थे। कई की वहां दुकानें हैं। कोरोना के चलते सीमा सील हो गई। भारत में बाजार खुल गए हैं। नेपाल में भी धीरे-धीरे अनलॉक हो रहा है, लेकिन सीमा अभी भी सील है। पनटोका निवासी ईसा मोहम्मद करीब 30 वर्षों से वीरगंज में मजदूरी करने जाते थे। वे कहते हैं कि चार महीने से घर बैठे हैं। कैलाशराम ने बताया कि वे शादी-विवाह व पूजा-पाठ में ढोल बजाते हैं।

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चार-पांच लाख का नुकसान हो चुका

नेपाल के एक दर्जन लोगों से ली गई अग्रिम राशि वापस करनी पड़ी। रक्सौल के पप्पू केजरीवाल व राजकिशोर प्रसाद की वीरंगज में किराने की दुकान है। इन्हें अब तक तकरीबन चार-पांच लाख का नुकसान हो चुका है। पनटोका निवासी सुनरमन पासवान के चार बेटे वीरगंज में ट्रांसपोर्ट में मजदूरी करते थे। कहते हैं कि यहां तीन सौ परिवारों रोजीरोटी नेपाल से चलती थी। बढ़ई लालबाबू शर्मा ने बताया कि नेपाली नागरिक भारत-नेपाल मैत्री पुल पर पहुंच दवा व दैनिक उपयोग के सामान ले जा रहे हैं। जबकि, भारतीय नागरिकों के साथ नेपाल पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं है। एसएसबी के जवान भी उस पार नहीं जाने देते। रक्सौल के लोग वीरगंज में अपनी दुकान खोलने नहीं जा पा रहे हैं। राजकिशोर प्रसाद कहते हैं कि पहले कभी महसूस ही नहीं हुआ कि भारत-नेपाल दो अलग-अलग देश हैं। आज सबकुछ बदल गया है। एसएसबी 47वीं बटालियन के कमांडेंट प्रियब्रत शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर फिलहाल सीमा सील है। दोनों देशों के मजदूरों व दुकानदारों की समस्या के संबंध में जानकारी है। दो देशों का मामला है। सरकार स्तर पर निर्णय होना है।

ब्यूटी पार्लर का कार्य भी प्रभावित

सीमा सील होने का असर ब्यूटी पार्लरों पर भी पड़ा है। नेपाल के वीरगंज महानगरपालिका क्षेत्र में छोटे-बड़े 190 ब्यूटी पार्लर हैं। वहां इस्तेमाल होने वाली अधिकतर सामग्री की सप्लाई भारत से होती है। एक पार्लर वाले रक्सौल से हर महीने तकरीबन 50 हजार का सामान खरीदकर ले जाते थे। रक्सौल में इस तरह की दुकान चलाने वाले एक दर्जन से अधिक दुकानदार बिक्री नहीं होने से समस्या का सामना कर रहे। सौंदर्य प्रसाधन की सामग्री बेचने वाले महेश अग्रवाल कहते हैं कि उन्हें प्रतिदिन 10 हजार का नुकसान हो रहा। वीरगंज के सौंदर्य प्रसाधन संगठन की प्रमुख गुड्डी जोशी ने बताया कि अधिकतर सामग्री भारत से आती है। फिलहाल नहीं आ रही है।


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