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शौचालय निर्माण कराया नहीं, घोषित कर दिया ओडीएफ, खुले में शौच जाने को लोग मजबूर

हाल जाफरपुर पंचायत की महादलित बस्ती का जिनके घर में शौचालय वे भी नहीं करते इसका उपयोग। ओडीएफ घोषणा का कोई मतलब नहीं दिख रहा है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 03:09 PM (IST)
शौचालय निर्माण कराया नहीं, घोषित कर दिया ओडीएफ, खुले में शौच जाने को लोग मजबूर
शौचालय निर्माण कराया नहीं, घोषित कर दिया ओडीएफ, खुले में शौच जाने को लोग मजबूर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्वच्छता अभियान की सफलता को लेकर सरकार जितनी कोशिश कर ले, लेकिन आज भी गरीब, दलित, पिछड़े लोग खेतों में शौच जाने को विवश हैं। अधिकतर लोग शिक्षा व जागरूकता के अभाव में शौचालय निर्माण के बावजूद उसका उपयोग नहीं करते। ये लोग खुले में शौच जाने से भी नहीं हिचकतेे। दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारी की शिथिलता के कारण आज भी अधिकतर परिवारों का शौचालय निर्माण नहीं कराया जा सका है। इससे ओडीएफ घोषणा का कोई मतलब नहीं दिख रहा है।

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    जिले के पारू प्रखंड की जाफरपुर पंचायत में 14 वार्ड है जिसमें 10-11 नंबर वार्ड दलित बहुल बताया जाता है। फिर भी यहां के अधिकतर दलित महादलित परिवार शौचालय के लाभ से वंचित हैं। वार्ड संख्या आठ एवं नौ में शौचालय निर्माण कुछ हद तक हुआ। फुलाढ़ शिव मंदिर परिसर से पूरब सरकारी नहरी पर बसे मल्ली परिवार के योगेंद्र मल्ली, सिकंदर मल्ली, मुकेश मली ने बताया कि लोग कहते हैं कि गरीब का शौचालय घर बनाया जा रहा है, लेकिन आजतक हमलोगों का नहीं बना। इसलिए हमलोग खेतों में शौच को जाते हैं। वार्ड संख्या 10 के सुखारी राम, तुलसी राम भी शौचालय निर्माण नहीं होने से दुखी है। 

प्रशासनिक उदासीनता से भुगतान में नहीं आ रही तेजी

अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि शौचालय निर्माण कराने के तुरंत बाद 12 हजार रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा, जिस आशा और विश्वास के साथ महाजन से कर्ज लेकर शौचालय निर्माण तो कराया, मगर भुगतान पाने के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाते परेशान हैं। शौचालय निर्माण में निभा रहे भूमिका प्रखंड की पंचायतों में शौचालय निर्माण कराने में कुछ लोगों की भूमिका अहम है।

   अधिकतर पंचायतो में बिचौलिए के माध्यम से प्रखंड मुख्यालय में कार्यो का निबटारा ही नहीं करते, बल्कि गांवों में लोगों से मिलकर निजी स्तर पर दोहन करने का काम कर रहा है। जबकि जाफरपुर और पारू उत्तरी पंचायत के विकास मित्रों को अवैध उगाही की शिकायत मिलने पर शौचालय निर्माण से बाहर कर दिया गया है। जाफरपुर पंचायत मुखिया नरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ मोहन सिंह ने कहा कि सात सौ शौचालय निर्माण कराया गया है, जिसमें करीब सौ परिवारों की राशि भुगतान किया गया है। दो महीने पहले पंचायत ओडीएफ घोषित की गई। शौचालय निर्माण स्वयं कराने वालों के खाते में पैसे भेजे जाते हैं।


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