Muzaffarpur : हैलो डॉक्टर साहब...। बोलिए क्या परेशानी है...
Muzaffarpur CM नीतीश कुमार ने जैसे ही ई-संजीवनी पोर्टल का शुभारंभ किया उसके बाद से जिले के चिकित्सक मरीजों से पूछताछ करने लगे। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.हरेंद्र आलोक ने बताया कि जिले में सबसेंटर पर केवल एएनएम रहती हैं।
मुजफ्फरपुर, जासं । हैलो डॉक्टर साहब...। बोलिए क्या परेशानी है। सर सीना में दर्द हो रहा है। खांसी भी है। चलिए दवा बता देते हैं उसको दस दिन खाकर फिर संपर्क कर लीजिएगा। इस तरह से रविवार को बारी-बारी से ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से सकरा, मोतीपुर, औराई से मरीजों ने सदर अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लिया। जिले में 276 लोगों ने पहले दिन ऑनलाइन परामर्श लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जैसे ही ई-संजीवनी पोर्टल का शुभारंभ किया उसके बाद से जिले के चिकित्सक मरीजों से पूछताछ करने लगे। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ.हरेंद्र आलोक ने बताया कि जिले में सबसेंटर पर केवल एएनएम रहती हंै। अभी वहां पर कोई मरीज आता था तो उसे पीएचसी स्तर पर भेजा जाता है।
अब सबसेंटर पर आने वाले मरीज को वहां तैनात एएनएम मोबाइल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सक से बातचीत कराकर इलाज की व्यवस्था करेंगी। इस सुविधा से बिहार के सभी सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज जुड़ गए हैं। पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को हब और एएनएम को स्पोक द्वारा ई-संजीवनी लॉगिन कर लाभुकों को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराएंगी।पहले दिन सदर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक सीके दास, डॉ.एसके पांडेय ने टेलीमेडिसिन से परामर्श दिया। मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ.एनके चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक बीपी वर्मा, जिला अनुश्रवण व मूल्यांकन पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद, सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार, लेखापाल विपिन पाठक, सफाई प्रबंधक राजेश कुमार आदि थे।
एप पर मिलेगी सेवा
जिले के ग्रामीण इलाकों के लोगों को ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसिन की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है। इसके अलावा वंडर और 102 एंबुलेंस एप का भी शुभारंभ किया गया। वंडर एप से मातृ मृत्यु को कम करने में सहूलियत होगी। वहीं 102 एंबुलेंस एप डाउनलोड कर कोई भी व्यक्ति सेवा ले सकता है। अबतक एंबुलेंस बुलाने के लिए 102 पर फोन करना पड़ता था। फोन पटना स्थित कॉल सेंटर में जाता था, वहां से संबंधित जिले के एंबुलेंस चालक को फोन आता था। इसके बाद चालक मनमानी करता था। लगातार शिकायतें मिलने पर इस एप की सुविधा दी गई है।