घरों में लाेगों ने शौचालय बनवा तो लिया, उपयोग करने से कर रहे परहेज
जीविका की शिथिलता से आठ सौ से अधिक लाभार्थियों का भुगतान लंबित 60 फीसदी लोग कर रहे शौचालय का उपयोग 25 फीसदी लोगों के घरों में शौचालय निर्माण अधर में।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। घरों में शौचालय का निर्माण तो करा लिया, फिर भी उपयोग करने से परहेज कर रहे हैं। शौचालय की टंकी न भरे, इसलिए लोटा लेकर खुले में शौच करने निकल पडते है। सुबह- शाम टहलने और खेतों को देखने का भी बहाना लेकर खुले में शौच जाना नहीं छोड़ रहे। हालांकि स्वच्छता का पाठ पढे करीब 60 फीसदी लोगों में बदलाव आया है। वे शौचालय का उपयोग कर रहे हैं। यह हाल बोचहां प्रखंड की उनसर पंचायत का है।
इस पंचायत को पांच माह पूर्व ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन लोग अब भी खुले में शौच जा रहे हैं। 25 फीसदी लोगों के घरों में आज भी शौचालय निर्माण अधर में है। 10 फीसदी लोगों ने आधा अधूरा निर्माण कराया। जिन लोगों ने जीविका से कर्ज लेकर शौचालय का निर्माण कराया है, उन्हें भी प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हो सका। करीब दो सौं लोगों का आवेदन प्रोत्साहन राशि का लाभ देने के लिए लिया ही नहीं गया।
इससे सैकड़ों लोगों ने शौचालय निर्माण का ख्याल ही त्याग दिया। शौचालय निर्माण करा चुके 750 लोगों का प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। पंचायत में कुल 14 वार्ड है। हर वार्ड में 25 से 30 फीसदी शौचालय निर्माण नहीं हो सका है। निर्माण करा चुके लोगों का कहना है कि जब प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन देने जाते हैं तो जीविका कर्मी कहते हैं कि अब ऑनलाइन इंट्री नहीं होता है।
जब ऑनलाइन इंट्री होगा तब देखा जाएगा। जबतक पंचायत ओडीएफ नहीं हुई थी, तब तक आवेदन लिया गया। जब ओडीएफ घोषित हो गई, तब ऑनलाइन इंट्री नहीं होने का हवाला दिया जा रहा। आरोप है कि जीविका कर्मियों को नजराना देने वालों को ही भुगतान किया जाता है। जो लोग नजराना नहीं देते,उसका शौचालय निर्माण के बाद भी राशि के लिए आवेदन तक नहीं लिया गया।
ऐसी खबर फैलते ही लोगों ने आधा-अधूरा शौचालय छोड़ दिया और पूर्व की तरह खेतों में शौच को जाने लगे। पंचायत के मुखिया रंजीत सिंह ने बताया कि पांच माह पूर्व ओडीएफ घोषित कर दी गई। 10-15 फीसदी शौचालय निर्माण बाकी है। जीविका द्वारा शौचालय निर्माण करा चुके लोगों को भुगतान देने में कोताही बरती जा रही है। सात सौ से अधिक लोगों का भुगतान लंबित है।
दो सौं लोगों का आवेदन तक नहीं लिया गया है। इसमें जीविका की घोर लापरवाही सामने आई है। इसका शेषं शौचालय के निर्माण पर असर पड़ा है। बीडीओ नीलकमल ने बताया कि भुगतान जीविका को करना है। शौचालय निर्माण के बाद भी राशि नहीं मिलने की शिकायत मिली है। जीविका की लापरवाही सामने आई है। लिखित शिकायत मिलते ही मामले की जांच कर जिलाधिकारी से कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।