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मधुबनी के पैक्स अध्यक्षों ने इस वजह से धान की खरीद से इंकार

जिला में सीएमआर सेंटर विलंब से खोले जाने की परंपरा से आक्रोशित है पैक्स एवं व्यापार मंडल समिति। पिछले साल का परिवहन भत्ता सहित अन्य सरकारी सहायता अब तक नही मिलने से नाराजगी। वैसे किसानों ने ली बिचौलियों को बेचना शुरू कर दिया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 10:49 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 10:49 AM (IST)
मधुबनी के पैक्स अध्यक्षों ने इस वजह से धान की खरीद से इंकार
806 क्विंटल धान की खरीद के लिए कैश क्रेडिट ऋण बैंक से दिया जाता है। फोटो: जागरण

मधुबनी, जेएनएन। सरकार स्तर पर 23 नवंबर से धान अधिप्राप्ति शुरू किए जाने की घोषणा का कलुआही प्रखंड के सभी पैक्स अध्यक्षों ने विरोध किया है। वितीय बर्ष 2020-21 में धान अधिप्राप्ति का कार्य सरकारी लालफीताशाही के कारण बंद किए जाने का फैसला पैक्स अध्यक्षों द्वारा किया गया है। 

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अधिप्राप्ति कार्य में भाग नहीं लेने का निर्णय

प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित टीपीसी भवन में व्यापार मंडल अध्यक्ष अशोकानंद ठाकुर की अध्यक्षता में प्रखंड के पैक्स अध्यक्षों की बैठक आयोजित की गयी। जिसमें उपस्थित सभी पैक्स अध्यक्षों ने एक मत से धान अधिप्राप्ति कार्य में भाग नहीं लेने का निर्णय किया है। कलुआही व्यापार मंडल अध्यक्ष ने बताया कि पिछले साल तक जिला में फरवरी महीना में सीएमआर सेंटर खोला गया। सहकारिता विभाग के निर्देशानुसार धान अधिप्राप्ति के लिए दो लॉट यानी 806 क्विंटल धान की खरीद के लिए कैश क्रेडिट ऋण बैंक से दिया जाता है।

नमी के नाम पर किया जा रहा परेशान

नियमानुसार एक लॉट (403 क्विंटल) धान राईस मील से कुटवाकर 270 क्विंटल चावल सीएमआर सेंटर पर जमा करने के बाद ही दूसरे लॉट (403 क्विंटल) धान देने वाले किसानों को पैक्स या व्यापार मंडल समिति द्वारा ऑन लाइन एडवाइस निकालकर भुगतान किया जा सकता है। जिससे धान अधिप्राप्ति प्रभावित होता है। बैठक में उपस्थित पैक्स अध्यक्षों ने कहा कि चावल नमी के नाम पर सीएमआर सेंटर द्वारा प्रति लॉट (270 क्विंटल) चावल के मूल्य में से 7 हजार रुपये की दर से काट ली जाती है। जिससे समितियों को नुकसान होता है। सरकारी स्तर पर धान खरीद का मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गयी है। जबकि, पैक्स या व्यापार मंडल समिति को सीएमआर (चावल) का मूल्य नहीं बताया गया है। साथ ही समिति को परिवहन भत्ता, हथालन, मजदूरी आदि मद की खर्चा की दर भी सहकारिता विभाग द्वारा पूर्व से नहीं बताया गया है।

नगद जमा करने से नाराज है समिति

मलमल उत्तर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष लालबाबू यादव ने बताया कि इस बार समिति को डिफॉल्टर की सूची में शामिल होने से बचाने के लिए दस हजार रुपये नगद बैंक में जमा करना पड़ा है। कारण पिछले साल का परिवहन भत्ता सहित अन्य सहायता राशि सहकारिता विभाग की ओर से अब तक समिति के खाता में नही भेजा गया है। यही स्थिति पालीमोहन पंचायत पैक्स का है। अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह ने बताया कि 1900 रुपये नगद जमा करना पड़ा है। धान अधिप्राप्ति आरंभ करने से पूर्व रहिका सैंट्रल को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मधुबनी की ओर से सभी समिति को अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। जिसमें बैंक लिखती हैं कि पिछले किसी भी वर्षो में सीसी ऋण का कोई बकाया नहीं है।

कलुआही प्रखंड का छह लाख रुपये बकाया

वितीय बर्ष 2019-20 में कलुआही प्रखंड के 11 पंचायत पैक्स समिति एवं व्यापार मंडल समिति की ओर से 23 हजार 374 क्विंटल (58 लॉट) धान की खरीद की गई। जिससे चावल तैयार कर 270 क्विंटल प्रति लॉट की दर से 15 हजार 660 क्विंटल चावल सीएमआर सेंटर पर जमा किया गया। सरकारी निर्देशानुसार सहकारिता विभाग को 38.51 रुपया प्रति क्विंटल की दर से परिवहन भत्ता और अन्य मद में देना है। जो अब तक किसी भी समिति के खाता में सहकारिता विभाग के द्वारा नही भेजा गया है। दूसरी ओर व्यापार मंडल अध्यक्ष अशोकानंद ठाकुर ने कहा कि करीब चार लाख रुपये प्रखंड के समितियों से चावल नमी के नाम पर काट लिया गया है। इन्ही सब कारणों से धान अधिप्राप्ति से पैक्स अध्यक्षों ने मना कर दिया है। 


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