बदले मौसम से बढ़ने लगे हृदय व अस्थमा पीडि़त मरीज, बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां Muzaffarpur News
07 हृदय रोग से पीडि़त मरीज गुरुवार को पहुंचे एसकेएमसीएच। बच्चों व बुजुर्गों को इस मौसम में स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बदले मौसम के साथ हृदय व अस्थमा पीडि़त मरीजों की संख्या तेजी से बढऩे लगी है। एसकेएमसीएच में गुरुवार को इससे पीडि़त सात मरीजों को भर्ती किया गया। वहीं, रामपरी देवी को पहुंचने के साथ चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। वहीं, पहले से भर्ती राजमंगल साह की मौत भी हो गई। स्वजन के अनुसार ये दोनों मरीज हृदय व अस्थमा रोग से पीडि़त थे। औषधि विभाग के डॉ. विजय कुमार सिंह, डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि बदले मौसम में हृदय, अस्थमा, ब्लडपे्रशर व सांस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह मौसम बच्चों व बुजुर्गों की सेहत के लिए खतरनाक है। इसमें स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
ऐसे होता है हार्ट अटैक
डॉ. अकील अहमद मुमताज व डॉ. सतीश कुमार सिंह बताते हैं कि ठंड के दिनों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। कारण, ठंड में रक्त संचार की नली में सिकुडऩ आ जाती है। इससे दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आने लगती है। इससे दिल में खून का संचार अवरुद्ध हो जाता है। दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। मांसपेशियों की गति रुक जाती है।
ये हैं प्रारंभिक लक्षण : हार्ट अटैक में प्रारंभ में सीने में दर्द व असहजता महसूस होती है। शरीर से पसीना निकलना व घबराहट भी हृदयघात की संभावना बताती है।
ये बरतें सावधानियां
- हृदय व अस्थमा रोग के मरीज ठंड से पूर्णत: बचाव करें। गर्म कपड़े पहनें। इस मौसम में जरूरी काम से ही घर के बाहर निकलें।
- रक्तचाप व मधुमेह के मरीज नियमित रूप से जांच कराते हुए चिकित्सकीय परामर्श के तहत दवा का सेवन जारी रखें।
- बाजार के खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करें। घर का सादा व ताजा भोजन करें। बच्चों को भी बाहर के फास्ट फूड नहीं दें। पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहें।