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मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक को 18 दिन से ढूंढ रहे मरीज

मुजफ्फरपुर सदर अस्‍पताल में चिकित्सकों के नहीं रहने के कारण गर्भस्थ शिशु की मौत पर सबका वेतन रोक दिया गया है। सिविल सर्जन ने कहा बोले- बिना अवकाश लिए अगर कोई चिकित्सक एक दिन भी नहीं आता है तो इसकी रिपोर्ट होनी चाहिए।

By Amrendra TiwariEdited By: Dharmendra Kumar SinghPublished: Tue, 29 Nov 2022 02:57 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 02:57 PM (IST)
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक को 18 दिन से ढूंढ रहे मरीज
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में चिकित्‍सक की लापरवाही उजागर। फोटो-जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। सदर अस्पताल में इलाज के लिए आई प्रसूता के गर्भस्थ शिशु की जान चली गई तब पता चला कि 18 दिनों से महिला चिकित्सक आई ही नहीं थीं। इस बीच उनकी गैरहाजिरी की रिपोर्ट प्रबंधक ने सिविल सर्जन कार्यालय को नहीं दी। इसके साथ ही 24 नवंबर को मातृ-शिशु सदन में तीन महिला चिकित्सक गायब रहीं। चिकित्सकों के नहीं रहने के कारण गर्भस्थ शिशु की मौत पर सबका वेतन रोक दिया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि 24 नवंबर को एक प्रसूता सदर अस्पताल आईं थीं। उसके स्वजन ने आरोप लगाया कि केवल नर्स के सहारे इलाज हुआ। इसपर उपाधीक्षक डा.एनके चौधरी ने अपनी रिपोर्ट सीएस को दी है। सिविल सर्जन ने कहा कि कोई चिकित्सक बिना अवकाश लिए अगर एक दिन भी नहीं आता है तो इसकी रिपोर्ट होनी चाहिए।

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जांच रिपोर्ट में तीन चिकित्सकों के गायब रहने की जानकारी

उपाधीक्षक डा. एनके चौधरी ने जो अपनी जांच रिपोर्ट सीएस को दी है उसमें लिखा है कि 24 नवबंर की रात्रि में एक गर्भवती महिला आई थी। उसे सात माह का गर्भ था। मातृ-शिशु सदन में उस दिन रात्रि में महिला चिकित्सक डा. मोनिका जायसवाल की ड्यूटी थी, लेकिन वह अपनी ड्यूटी में मौजूद नहीं थी। उस रात्रि में उन्हें फोन भी किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया। इस कारण मरीज को नहीं देखा गया। दिन की ड्यूटी डा. प्रिया प्रीतम की थी। वह भी अपनी ड्यूटी पर नहीं आई थी। उस दिन दिन की पाली में जो गर्भवती महिलाएं आईं, वे बिना इलाज के ही वापस लौट गईं। वहीं रोस्टर में डा. रश्मि रेखा का नाम था। वह भी बिना छुट्टी लिए पिछले 18 दिनों से गायब थीं। इस तरह से तीनों की लापरवाही की रिपोर्ट दी है। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने कहा कि उपाधीक्षक की रिपोर्ट की समीक्षा होगी। उसके बाद रिपोर्ट मुख्यालय तक जाएगी। अस्पताल प्रबंधक को बार-बार चेतावनी के बाद कार्यशैली में सुधार नहीं हो रहा है। इसके कारण सदर अस्पताल की व्यवस्था बेपटरी है। इसकी जानकारी भी वरीय अधिाकारी को दी जाएगी।


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