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एसकेएमसीएच में बीएचटी के गायब होने का सिलसिला जारी, मरीजों को होती परेशानी

बीएचटी नहीं होने से कटवानी पड़ती दोबारा पर्ची। इलाज में परेशानी से आक्रोशित परिजन करते हंगामा। बीएचटी इमरजेंसी एवं स्त्री प्रसव विभाग में भर्ती मरीजों का गायब होता रहता है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 08:52 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 08:52 AM (IST)
एसकेएमसीएच में बीएचटी के गायब होने का सिलसिला जारी, मरीजों को होती परेशानी
एसकेएमसीएच में बीएचटी के गायब होने का सिलसिला जारी, मरीजों को होती परेशानी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच में आए दिन भर्ती मरीजों का बीएचटी (बेड हेड टिकट) गायब होने का सिलसिला जारी है। इससे भर्ती मरीजों को इलाज में परेशानी होती है। कई बार तो उन्हें दोबारा पर्ची कटाकर भर्ती होना पड़ता है। इससे अक्सर हंगामा होता है। यह विशेषकर इमरजेंसी एवं स्त्री प्रसव विभाग में भर्ती मरीजों का गायब होता रहता है। इसी कड़ी में मंगलवार को चार मरीजों का बीएचटी नही मिलने पर परेशानी बढ़ी रही। ड्यूटी पर तैनात नर्स ने बगैर जानकारी के मरीज को कोई भी दवा या सूई देने से इन्कार कर दिया। इससे आक्रोशित मरीज के परिजन ने हंगामा पर उतारू हो गए।

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  जानकारी पर हेल्थ मैनेजर ने पहल करते हुए चिकित्सक से परामर्श लेकर मरीजों को सूई व दवा दिलवाई। हंगामा होने से अस्पताल प्रबंधन की परेशानियां बढ़ जाती है। मरीजों के परिजनों के आक्रोश को झेलने की मजबूरी हो जाती है। बीएचटी के गायब होने के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा होने से काम भी प्रभावित होता है। मजबूरीवश मरीजों को दोबारा पर्ची कटानी पड़ती है। इस समस्या को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन के स्तर पर लापरवाही किए जाने से मरीजों का आक्रोश ज्यादा बढ़ जाता है।

  इस बावत एसकेएमसीएच अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार साह ने कहा कि कक्ष में भर्ती होने के बाद मरीज अपने स्थान पर नहीं होते हैं। इससे राउंड के दौरान चिकित्सक उन्हें फरार घोषित कर देते हैं। इसके बाद नर्स बीएचटी को बंद कर रख देती हैं। कई बार मरीज के कक्ष में स्थानांतरण होने के बाद बीएचटी तो कक्ष में चला जाता है, मगर मरीज यहीं रह जाते हैं। इससे परेशानी होती है।

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