सरकारी अस्पतालों में गंदगी की भरमार, निरोग भी हो जाएं बीमार Muzaffarpur News
सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में गंदगी के बीच इलाज को मजबूर हैं मरीज। सदर अस्पताल परिसर में नाले की गंदगी से पनप रहे हैं मच्छर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर के दो प्रमुख सरकारी अस्पतालों में गंदगी से मरीजों का रहना मुहाल हो गया है। सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में सफाई की हालत इतनी बदतर है कि यहां मरीज के साथ आने वाले निरोग तीमारदार भी बीमार पड़ सकते हैं। साफ-सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, इसके बाद भी अस्पताल परिसर में जगह-जगह कचरों का अंबार लगा हुआ है। गंदगी के बीच ही इलाज कराना मरीजों की मजबूरी है।
सदर अस्पताल में बाहर फैला रहता है मेडिकल वेस्टेज
सदर अस्पताल में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। मेडिकल वेस्टेज भी कूड़ेदान की बजाय फर्श पर फैला रहता है। वार्डों में समय पर सफाई नहीं होने के कारण चारों ओर दुर्गंध फैल रही है। खासकर शौचालयों की की स्थिति बदतर है। अस्पताल परिसर के बाहरी क्षेत्र में कचरा का अंबार लगा हुआ है। खुले में मेडिकल वेस्टेज और कचरा फेंके जाने से बीमारी फैलने की भी आशंका रहती है। वहीं गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। अस्पताल में अपने परिजन का इलाज करा रहे मुशहरी के मोहित ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से मच्छरदानी नहीं मिल रही है। दूसरी ओर मेल वार्ड के बाहर खुला नाला है। गंदगी के कारण यहां रहना मुश्किल है।
इन जगहों पर फैला है कचरा
सदर अस्पताल परिसर में एसएनसीयू (सीक न्यूबोर्न केयर यूनिट) में इलाजरत नवजात के बच्चों के परिजनों के ठहराव स्थल के पास, रोगी के भोजनालय के पास, नशामुक्ति केंद्र केपास, महिला व पुरुष वार्ड, पोषण पुनर्वास केंद्र के पीछे व आगे गंदगी का अंबार लगा है।
एसकेएमसीएच का बुरा हाल
एसकेएमसीएच में परिसर से वार्ड तक चौतरफा गंदगी फैली हुई है। इससे भर्ती मरीजों व उनके साथ आए परिजन में संक्रमण का खतरा रहता है। बारिश के मौसम में इससे संक्रामक बीमारियां फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अस्पताल में प्रवेश के साथ मुख्य द्वार, इमरजेंसी व स्त्री प्रसव विभाग से कक्षों एवं परिसर तक गंदगी फैला है। इस गंदगी व दुर्गंध से अस्पताल में नारकीय स्थिति बनी रहती है।
सफाई की यह है व्यवस्था
- सदर अस्पताल परिसर व कार्यालय की सफाई की व्यवस्था आउटसोर्सिंग एजेंसी के जिम्मे दिया गया है
- सफाई आधुनिक मशीन से नियमित करनी है। मेडिकल कचरा का डिस्पोजल सही तरीके से करना है।
- सदर अस्पताल से निकलने वाले नाले को धर्मशाला चौक के पास असामाजिक तत्वों ने बोरा से किया बंद, इससे जाम हुआ पाला
- एसकेएमसीएच में नाला व्यवस्थित नहीं रहने से हो रही परेशानी
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि सफाई की व्यवस्था आउटसोर्सिंग के जिम्मे दिया गया है। परिसर में प्रति फीट के हिसाब से भुगतान हो रहा है। समय-समय पर वह खुद निरीक्षण करते हैं। गंदगी मिलने पर कर्मी को चेतावनी देकर इसके बाद भुगतान में कटौती की जाती है।