World AIDS Day : परदेस जाते हैं खुशियां लाने और आते सबकुछ लुटा कर Muzaffarpur News
World AIDS Day 12 हजार से अधिक लोग जिले में प्रभावित। 05 हजार पीडि़तों को एआरटी केंद्र से दी जा रही दवा। परदेस से सौगात में एड्स लेकर लौटते लोग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दूसरे प्रदेशों में रोजी रोजगार की तलाश में गए लोग अपने साथ खतरनाक बीमारी लेकर आ रहे हैं। वे वहां अपने परिवार के लिए खुशियां लाने जाते हैं, लेकिन वहां से वे सबकुछ लुटा कर आ रहे हैं। दिनों दिन ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। उनकी एक छोटी सी भूल की उन्हें तो जिदंगी भर की सजा मिलती ही है। वहीं उनके परिवार वाले भी तबाह हो रहे हैं। ये एचआइवी-एड्स से संक्रमित होकर पहुंचते हैं। इनमें अधिकतर वैसे लोग हैं, जो गांव से दिल्ली, पंजाब, कोलकाता या अन्य प्रदेशों में मजदूरी व विभिन्न वाहनों को चलाते हैं।
वर्तमान में जिले में 12 हजार से अधिक एचआइवी पॉजिटिव हैं। इसमें से करीब 5000 मरीजों को दवा दी जा रही है। वहीं पिछले दो वर्ष में दो से तीन दर्जन पीडि़तों की मौत हो चुकी है। जबकि चार सौ से अधिक एआरटी केंद्र पर दवा लेने नहीं पहुंच रहे। इनकी खोजबीन एआरटी कर्मी पत्राचार व अन्य माध्यमों से कर रहे हैं।
हर साल बढ़ रहे मरीज
लाख प्रयास के बावजूद एचआइवी पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पताल सूत्रों की मानें तो वर्तमान में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 7725 है।
वर्ष पीडि़तों की संख्या
2013 1984
2014 2620
2015 3410
2016 4501
2017 5566
2018 6402
2019 7725 (नवंबर तक)।
मरीजों को ठहरने की नहीं है सुविधा
एसकेएमसीएच परिसर स्थित एआरटी सेंटर पर आने वाले मरीजों को काफी परेशानी होती है। यहां उनके ठहरने की सुविधा नहीं है। पीने की पानी से लेकर नित्य क्रिया से निपटने तक की सुविधा केंद्र पर नहीं है। इस कारण इलाज को आने वाले संक्रमित मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस बारे में एसकेएमसीएच एआरटी केंद्र के प्रभारी डॉ. दुर्गेश कुमार ने कहा कि एड्स पीडि़तों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इसमें ज्यादातर दूसरे प्रदेशों से कमाकर आने वाले मजदूर व वाहन चालक हैं। एआरटी सेंटर पर समुचित जांच, इलाज व दवा की निशुल्क सुविधा उपलब्ध है।