स्वतंत्रता सेनानी की पैंट्रीकार एजेंसी को पांच लाख का जुर्माना, जानें- क्या है वजह Samastipur News
स्टेशन डायरेक्टर ने सरकारी कार्य में बाधा डालने और गाली गलौज करने का लगाया आरोप। पेंट्रीकार में अवैध रूप से समोसा तलने के लिए जलाया जा रहा था उपकरण। आठ पर प्राथमिकी हुई।
समस्तीपुर, जेएनएन। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में जांच के दौरान दरभंगा स्टेशन डायरेक्टर बलराम के साथ गाली-गलौज करने में सनसाइन कैटरर्रस को पांच लाख रुपये का जुर्माना किया गया। आरोपित मैनेजर संदीप भदौरिया को निलंबित करते हुए पूछताछ की जा रही। वहीं, दूसरी ओर इस मामले में राजकीय रेल थाने में मैनेजर सहित सात से आठ अज्ञात कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई। मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी ने भी पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित की है।
आइआरसीटीसी की ओर से भी जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। स्टेशन डायरेक्टर ने भी पूरे मामले की जानकारी मंडल रेल प्रबंधक को दी है। वहीं, इस घटना के बाद रेलवे स्टेशनों के स्टॉल और ट्रेनों की पेंट्रीकार में जांच तेज कर दी गई है। आइआरसीटीसी के रीजनल मैनेजर राजेश कुमार ने एजेंसी को पूरे मामले की रिपोर्ट देने को कहा है। एजेंसी ने आरोपित कर्मी को तत्काल उपस्थित होकर रिपोर्ट देने को कहा है।
पेंट्रीकार में अवैध रूप से उपकरण जलाने का ले रहे थे तस्वीर
दरभंगा के स्टेशन डायरेक्टर सह कोङ्क्षचग डिपो अधिकारी बलराम के लिखित शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। जीआरपी थानाध्यक्ष ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी। प्राथमिकी में बताया गया है कि बुधवार को जयनगर से नई दिल्ली के लिए परिचालित होनेवाली ट्रेन संख्या 12561 स्वतंत्रता सेनानी में दरभंगा और समस्तीपुर के बीच गाड़ी की जांच की जा रही थी।
स्टेशन डायरेक्टर सीनियर सेक्शन इंजीनियर संतोष कुमार और भवेंद्र प्रसाद के साथ स्लीपर बोगी को चेक करते हुए थलवारा स्टेशन पास करते हुए पेंट्रीकार में पहुंचे। चेङ्क्षकग के समय पाया कि पेंट्रीकार में दिए गए चूल्हों के अलावा कार्यरत मैनेजर संदीप भदौरिया एवं उनके कर्मचारी समोसा अलग उपकरण से तल रहे थे। जो पेंट्रीकार में चलाना अवैध है।
इससे अधिक लोड होने के कारण कोच में आग लगने की संभावना रहती है। स्टेशन डायरेक्टर ने अपना परिचय देते हुए उक्त उपकरण का फोटो लिया और पूछताछ करनी चाही तो सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए कार्यरत मैनेजर एवं सात-आठ अज्ञात कर्मचारियों द्वारा गाली-गलौज की गई। इसके बाद मोबाइल से सूचना देने पर सभी कर्मचारी ट्रेन के समस्तीपुर पहुंचने से पहले दूसरे कोचों में जाकर यात्रियों के बीच छुप गए, जिन्हें पकड़ा नहीं जा सका। इसको लेकर मैनेजर और अज्ञात कर्मचारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया। जीआरपी थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज की। मामले की जांच का जिम्मा एएसआइ चंद्रमोहन भंडारी को दिया गया।
रेल अधिकारी भी मामले पर रख रहे नजर
आरपीएफ के मंडल सुरक्षा आयुक्त अंशुमान त्रिपाठी ने घटना से संबंधित पूरे मामले की रिपोर्ट आइजी को दी। बताया कि ट्रेनों में जांच के दौरान घटना घटित हुई। ट्रेन के समस्तीपुर पहुंचते ही आरपीएफ पोस्ट के अधिकारी और जवानों ने बोगियों में प्रवेश कर तलाशी की। लेकिन, सभी कर्मी फरार हो चुके थे। पेंट्रीकार पूरी तरह से खाली मिला। इसके बाद उसमें से 35 कार्टन पानी बोतल जब्त किया गया। वहीं, मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी भी पूरे मामले की रिपोर्ट ले रहे थे। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी भी मामले पर गंभीर हैं।