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पारा लुढ़कते ही बढ़ा कोल्ड डायरिया का प्रकोप, जानिए अपने बच्चों को इससे कैसे बचाएं

कोल्ड डायरिया बच्चों के लिए बड़ी समस्या होती है। इसका कारण रोटा वायरस होता है। इसमें बच्चों को बार-बार पतला दस्त होता है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 08:54 AM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 08:54 AM (IST)
पारा लुढ़कते ही बढ़ा कोल्ड डायरिया का प्रकोप, जानिए अपने बच्चों को इससे कैसे बचाएं
पारा लुढ़कते ही बढ़ा कोल्ड डायरिया का प्रकोप, जानिए अपने बच्चों को इससे कैसे बचाएं

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बढ़ती ठंड ने लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालना शुरू कर दिया है। एसकेएमसीएच में ठंड जनित बीमारियों के 17 मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें कोल्ड डायरिया से ग्रसित पांच बच्चे भी थे। वहीं एक दिन पहले एनआइसीयू में तीन नवजातों को भर्ती कराया गया था।

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शिशु विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. जेपी मंडल एवं डॉ. विमलेश कुमार ने बताया कि कोल्ड डायरिया बच्चों के लिए बड़ी समस्या होती है। इसका कारण रोटा वायरस होता है। इसमें बच्चों को बार-बार पतला दस्त होता है। इसके साथ ही कई बार बुखार व उल्टी भी होती है। इससे बच्चों में पानी व पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और वह काफी कमजोर हो जाता है।

इसलिए बच्चों को ठंड से बचाना चाहिए। बीमार होने पर ओआरएस का घोल देना चाहिए। तरल पदार्थ के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाना चाहिए। इसके बावजूद परेशानी कम नहीं होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।

एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को ठंड से बचाव के लिए बरामदे पर पर्दे लगाए गए हैं। वहीं भर्ती मरीजों को पर्याप्त कंबल देने का निर्देश कक्ष परिचारिकाओं को है। कक्ष प्रभारी परिचारिकाओं को स्टॉक में पर्याप्त कंबल रखने का आदेश दिया गया है। मरीजों के स्वजनों के लिए परिसर में अलाव का आदेश भी दिया गया है।


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