नियमों को ताक पर रख नर्सिंग होम का संचालन, आए दिन अवैध कार्यों के होने की मिल रहीं शिकायतें
हॉस्पिटल की आड़ में चलता अवैध कार्य नहीं होती जांच। प्रशिक्षित नहीं होते कर्मी अप्रशिक्षित करते हैं इलाज। अक्सर मरीजों की जाती जान होता रहता हंगामा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अहियापुर क्षेत्र में नियमों को ताक पर रख नर्सिग होम धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। कई नर्सिंग होम संचालक अस्पताल की आड़ में अवैध कार्य करते हैं। इसकी जानकारी तो पहले से कई लोगों से मिलती रही है। लेकिन, बुधवार को अहियापुर में एक निजी नर्सिंग होम संचालक की गिरफ्तारी के बाद गोरखधंधे पर मुहर लग गई।
पुलिस की मानें तो क्षेत्र के कई नर्सिंग होम में चिकित्सक की बात तो दूर प्रशिक्षित कर्मी तक नहीं हैं। इससे बेहतर इलाज की आस लेकर निजी अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की जान तक चली जाती है। इसके बाद विधि व्यवस्था को संभालने में पुलिस की परेशानी बढ़ जाती है। हालांकि अधिकृत अधिकारी जांच कर ऐसे अस्पतालों पर कभी समुचित कार्रवाई नहीं करते हैं। इससे क्षेत्र में मानक के विपरीत अनधिकृत रूप से निजी अस्पताल फल-फूल रहे हैं।
आधारभूत संरचना का अभाव
क्षेत्र के कई निजी अस्पतालों मेंं अप्रशिक्षित कर्मी कार्य कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों में आधारभूत संरचना का भी अभाव है।
क्या है इनका मूल उद्देश्य
क्षेत्र के अधिकतर निजी अस्पतालों का मूल उद्देश्य अत्यधिक लाभ कमाना है। इसके लिए पीडि़त मरीजों व परिजनों का दोहन करते हैं। सूत्रों की मानें तो इसके लिए निजी अस्पताल संचालकों द्वारा एक बड़े ठग गिरोह को कायम कर रखा गया है। इसमें महिला से पुरुष तक शामिल हैं। विशेष कर एसकेएमसीएच में आने वाले मरीजों को बहला-फुसला कर निजी अस्पताल में पहुंचाया जाता है। जहां इसके बदले उन्हें बंधी-बधाई रकम दी जाती है। दूरदराज से रेफर होकर एसकेएमसीएच में आने वाले मरीजों को एम्बुलेंस चालक भी निजी अस्पताल में पहुंचा देते हैं। इसका लाभ एम्बुलेंस चालक को मिलता है।
क्षेत्र के निजी नर्सिग होम की जांच की मांग
कांग्रेस के जिला महासचिव बालकनाथ सहनी एवं अन्य कई लोग सिविल सर्जन केसाथ जिला प्रशासन से अहियापुर क्षेत्र के सभी निजी नर्सिंग होम, दवा दुकान और जांच केंद्रों के गहन जांच की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कभी कोई कदम नहीं उठाया गया।
बिचौलिए की मदद से आर्थिक दोहन
राजू कुमार, अशोक सिंह, चंपा देवी, कपिल राय समेत अन्य कई लोगों ने बताया कि एसकेएमसीएच के निकट खुले कई नर्सिंग होम मरीजों के जान से खेलते हैं। नर्सिंग होम संचालक 10-15 बिचौलिए को रख एसकेएमसीएच में आने वाले मरीजों का आर्थिक दोहन करते हैं। स्थानीय प्रशासन अक्सर शिकायत मिलने के बाद कोई कार्रवाई नहीं करती है।
गर्भवती की मौत के बाद हुई थी प्राथमिकी
अहियापुर थानाध्यक्ष विकास कुमार राय ने बताया कि शिकायत मिलने के पश्चात कार्रवाई की जाती है। 26 नवंबर को एक निजी अस्पताल में शिवहर की गर्भवती गायत्री देवी की मौत के बाद स्वजन ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें कार्रवाई चल रही है। इससे पूर्व कई बिचौलियों को पकडऩे के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। ठगी करने वाले बिचौलियों पर फिर नजर रखी जाएगी। नर्सिंग होम की जांच का जिम्मा स्वास्थ्य अधिकारियों को है।