सदर अस्पताल में फर्जी संपर्क नंबर पर इलाज का खुला राज
मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल में मरीजों द्वारा फर्जी संपर्क नंबर दर्ज कराकर इलाज कराया जा रहा है। स्वास्थ
मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल में मरीजों द्वारा फर्जी संपर्क नंबर दर्ज कराकर इलाज कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह मामला सामने आया। विभाग ने पाया है कि मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में पिछले सप्ताह कुल 4187 मरीजों का निबंधन किया गया था। इसमें विभाग की जांच में 2820 मरीजों का संपर्क नंबर फर्जी पाया गया है। विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निबंधन काउंटर कर्मियों को सही संपर्क नंबर दर्ज करने की हिदायत दी है। मेरा अस्पताल एप के जरिए मरीजों की ओर से निबंधन के समय दी गई सूचना के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हुई जांच में यह मामला सामने आने के बाद विभाग ने मरीजों के निबंधन में उनके सही मोबाइल या फोन नंबर ही दर्ज करने का आदेश दिया है, ताकि इलाज का सही फीडबैक मिल सके। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रति सप्ताह मरीजों के निबंधन की निगरानी की जा रही है।
सदर अस्पताल में तिथिवार मरीजों की संख्या
तिथि ----मरीज की संख्या
28 मई-----1020
29 मई-----724
30 मई-----733
31 मई-----626
1 जून-----678
2 जून-----330
3 जून----76
मेरा अस्पताल एप में सदर अस्पताल शामिल
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मेरा अस्पताल एप की शुरुआत की है। पहले चरण में सदर अस्पताल को शामिल किया गया है। जल्द ही सभी पीएचसी को भी इससे जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से मरीज को मिल रहीं सुविधाओं और चिकित्सा के स्तर की जानकारी देनी होती है। एप के तहत इंटरेक्टिव वाइस रिस्पास सिस्टम (आइवीआरएस) के जरिए मरीजों से अस्पताल में मिल रहे इलाज व अन्य सुविधाओं की जानकारी उनकी ओर से दर्ज फोन व मोबाइल नंबर से ली जाती है।
शिकायत करने पर नाम रहता गुप्त
प्लेस्टोर से एप को डाउनलोड कर सकते हैं। इसकी खास बात यह है कि कॉल के अलावा एसएमएस से भी अस्पताल की व्यवस्था व स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी लोग दे सकते हैं। एप के माध्यम से सुझाव या शिकायत सीधे सरकार तक भेज सकते हैं। शिकायत करने वाले मरीज की पहचान गुप्त रखी जाती है।
एप मरीजों के लिए बेहतर सुविधा
जिला स्वास्थ्य प्रबंधक वीपी वर्मा
ने बताया कि मेरा अस्पताल एप मरीजों के लिए बेहतर सुविधा है। इस सप्ताह के फीडबैक में यह बात सामने आई कि फर्जी या अवैध नंबर निबंधन में अंकित हो रहे हैं। दस अंक के बदले 8 या 9 अंक ही दर्ज हो रहे हैं। यह गलत है। डाटा ऑपरेटर को हिदायत दी गई है कि वह सही नंबर अंकित करे। जिस डाटा ऑपरेटर की ओर से कम नंबर या सही नंबर दर्ज नहीं किया जाएगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा। मरीजों से अपील है कि वह सदर अस्पताल में इलाज कराने आएं तो सही मोबाइल नंबर दें, ताकि मंत्रालय उनसे इलाज का फीडबैक ले और बेहतर से बेहतर उनको सुविधा मिल सके।