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Menstrual hygiene day : लॉकडाउन में महिलाओं व लड़कियों की शारीरिक स्वच्छता की ऑनलाइन पाठशाला

Menstrual hygiene day घनश्यामपुर प्रखंड की अनुपम ग्रामीण महिलाओं व लड़कियों की झिझक कर रहीं दूर। निशुल्क बांटतीं सैनिटरी नैपकिन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 09:01 AM (IST)
Menstrual hygiene day : लॉकडाउन में महिलाओं व लड़कियों की शारीरिक स्वच्छता की ऑनलाइन पाठशाला
Menstrual hygiene day : लॉकडाउन में महिलाओं व लड़कियों की शारीरिक स्वच्छता की ऑनलाइन पाठशाला

दरभंगा,[विभाष झा]। ग्रामीण इलाकों में पीरियड को लेकर महिलाओं व युवतियों में काफी झिझक है। परेशानी यह भी कि सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध नहीं हो पाती। इस दौरान कैसे साफ-सफाई रखें, अधिकतर नहीं जानतीं। इसके चलते बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या को दूर करने का काम चार साल से कर रहीं घनश्यामपुर प्रखंड के घनश्यामपुर गांव की अनुपम झा। ये लॉकडाउन में वीडियो कॉल से स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहीं। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सैनिटरी नैपकिन बांट रहीं।

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गंदे कपड़ों का सहारा लेना पड़ता

प्राइवेट शिक्षक अनुपम ने देखा कि गांवों में आज भी गरीब घर की महिलाएं अपनी बेटी को सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध नहीं करा पातीं। इस वजह से उन्हें गंदे कपड़ों का सहारा लेना पड़ता है। कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही इसे लेकर झिझक भी है। फिर उन्होंने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया। पति एडवोकेट प्रवीण झा ने हौसला बढ़ाने के साथ पूरा सहयोग किया। धीरे-धीरे पल्लवी झा, प्रिया मिश्रा, पुतुल, राधा रानी, ज्योति झा, सोनी झा, साधना और वर्षा झा आदि भी जुड़ गईं। अनुपम अभी तक तीन हजार सैनिटरी नैपकिन बांट चुकी हैं। लॉकडाउन में ही 200 सैनिटरी नैपकिन बांट चुकी हैं। इस पर आने वाला खर्च लोगों के सहयोग और अपने वेतन से जुटाती हैं। कुछ संस्थाएं भी सहयोग कर रहीं।

वीडियो कॉल कर समस्या का समाधान

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अनुपम गांव-गांव न जाकर लड़कियों से ऑनलाइन बात करती हैं। इस दौरान होने वाली शारीरिक परेशानियों का समाधान बताती हैं। इनकी टीम दरभंगा के अलावा मुजफ्फरपुर और पटना सहित अन्य जिलों में भी काम कर रही है। दरभंगा शहर के एमआरएम कॉलेज में सबसे पहले इस मुहिम को उनकी टीम की सदस्य सोनाली मिश्रा ने शुरू किया था। छात्राओं को जागरूक किया था।

'अनुपम मुहिम' के नाम से सोशल मीडिया पर अभियान चलाने वाली अनुपम कहती हैं कि आंगनबाड़ी व आशा के पास गर्भनिरोधक सामग्री आसानी से मिल रही है तो सैनिटरी नैपकिन क्यों नहीं? इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। 28 मई को पूरी दुनिया में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2014 में जर्मनी की एक एनजीओ ने की थी। इसका उद्देश्य मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के लिए जागरूक करना है। 


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