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Old Age Pension Scheme: पूरे बिहार में फर्जी तरीके से वृद्धावस्था पेंशन ले रहे 1.88 लाख लोग

Old Age Pension Scheme विभाग द्वारा आधार कार्ड आधारित जीवन प्रमाणपत्र से मिलान करने पर यह मामला पकड़ा गया है। सूबे के सभी जिलों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। मुजफ्फरपुर में 4841 पेंशनर जांच के दायरे में हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 08:55 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 11:23 AM (IST)
Old Age Pension Scheme: पूरे बिहार में फर्जी तरीके से वृद्धावस्था पेंशन ले रहे 1.88 लाख लोग
जीवन प्रमाणपत्र के आधार से मिलान में सामने आया मामला।

मुजफ्फरपुर, जासं। Old Age Pension Scheme: सूबे में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में गड़बड़ी सामने आई है। बड़े पैमाने पर गलत उम्र दर्शा कर फर्जी तरीके से करीब एक लाख, 88 हजार लोग पेंशन का लाभ ले रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में एक हजार व इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन में एक लाख, 87 हजार लोग शामिल हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा आधार कार्ड आधारित जीवन प्रमाणपत्र से मिलान करने पर यह मामला पकड़ा गया है। सूबे के सभी जिलों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। मुजफ्फरपुर में 4841 पेंशनर जांच के दायरे में हैं। इनमें कांटी, मुशहरी, साहेबगंज, बंदरा, सकरा, कुढऩी, ढोली प्रखंडों के लाभुक हैं।

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होगी पेंशन राशि की वसूली

विभाग अब ऐसे लोगों से पेंशन राशि की वसूली करेगा। इसकी कवायद शुरू कर दी है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक दयानिधान पांडेय ने संबंधित जिलों के सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशकों को पत्र लिखकर भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी है। पत्र मेें कहा गया है कि पेंशनधारियों की सूची में मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के एक हजार एवं इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना में 1.87 लाख पेंशनधारियों की आयु 60 वर्ष से कम पाई गई है। ऐसे पेंशनरों के आयु संबंधी बायोमेट्रिक या भौतिक सत्यापन के बाद सही पाए जाने पर ही भुगतान के लिए लॉक किया जाएगा। फर्जी लाभुकों से पेंशन राशि की वसूली होगी।

डीबीटी सिस्टम लागू होने से सामने आया मामला

समाज कल्याण विभाग द्वारा डीबीटी (प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ) सिस्टम से पेंशनरों के बैंक खाते में राशि भेजने की शुरुआत की गई। इसके लागू होने के बाद हर वर्ष पेंशनरों का आधार आधारित जीवन प्रमाणपत्र जमा करना होता है। विभाग की मानें तो पहले डीबीटी सिस्टम से वोटर कार्ड के आधार पर ही पेंशन स्वीकृत होते थे। उसमें उम्र छिपा कर पेंशन का लाभ लिया गया। ऐसे लोगों का जब आधार आधारित जीवन प्रमाणपत्र सत्यापित कराया गया तो मामला सामने आया। सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, मुजफ्फरपुर ब्रजभूषण कुमार ने कहा कि पेंशनरों की सूची सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जांच के लिए भेज दी गई है। फर्जी तरीके से पेंशन लेने का मामला सामने आने पर विभाग के निर्देशानुसार राशि की वसूली की जाएगी।


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