आजादी के अमृत महोत्सव पर मुजफ्फरपुर मे खुदीराम के बलिदान को भूल गए अधिकारी
आजादी के अमृत महोत्सव पर अमर बलिदानी खुदीराम बोस के बलिदान को जिले के पदाधिकारी भूल गए। बलिदान दिवस पर केंद्रीय कारा में फांसी स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पदाधिकारी नहीं पहुंचे जबकि हर साल 11 अगस्त को सुबह 402 बजे फांसी स्थल पर राजकीय समारोह आयोजित कर खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि देने की परंपरा रही है।
मुजफ्फरपुर। आजादी के अमृत महोत्सव पर अमर बलिदानी खुदीराम बोस के बलिदान को जिले के पदाधिकारी भूल गए। बलिदान दिवस पर केंद्रीय कारा में फांसी स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पदाधिकारी नहीं पहुंचे, जबकि हर साल 11 अगस्त को सुबह 4:02 बजे फांसी स्थल पर राजकीय समारोह आयोजित कर खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि देने की परंपरा रही है।
पदाधिकारियों के साथ-साथ खुदीराम बोस के गांव बंगाल के मिदनापुर से आए प्रतिनिधि मंडल, बिहार बंगाली समिति के सदस्यों एवं जिला प्रशासन से स्वीकृति लेकर चुनिदा लोग भी शामिल होते रहे हैं। कोरोना काल के बाद इस वर्ष राजकीय समारोह के दौरान श्रद्धांजलि देने प्रमंडलीय आयुक्त, जोनल आइजी, जिलाधिकारी एवं एसएसपी नहीं पहुंचे। प्रशासन की तरफ से एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश ने श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा जेल अधीक्षक ब्रजेश सिंह मेहता एवं मिदनापुर से प्रकाश हलधर के नेतृत्व में एक दर्जन लोगों ने फांसी स्थल का नमन किया। साथ ही खुदीराम बोस को जिस कोठरी में रखा गया था, वहां पुष्पांजलि अर्पित की।
कोरोना प्रोटोकाल का हवाला देकर आम लोगों को रखा वंचित : एसडीओ पूर्वी ने कारा परिसर के बाहर भी उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि की। खुदीराम बोस की अंतिम इच्छा अपने गांव के मां काली का प्रसाद ग्रहण करने की थी। गांव से आए लोगों ने काली मां का प्रसाद फांसी स्थल पर अर्पित किया, लेकिन कोरोना प्रोटोकाल का हवाला देकर केंद्रीय कारा के सेल एवं फांसी स्थल पर श्रद्धांजलि देने से आम लोगों को वंचित रखा गया।
डीएम प्रणव कुमार ने कंपनीबाग में बलिदानी खुदीराम बोस एवं प्रफुल्ल चाकी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रशासन की ओर से बताया गया कि बुधवार को कई प्रखंडों के दौरे के कारण डीएम अस्वस्थ थे। इस कारण सुबह केंद्रीय कारा के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। जोनल आइजी पंकज सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय कारा से आमंत्रण नहीं आया था। इस कारण शामिल नहीं हो सके। प्रमंडलीय आयुक्त से मोबाइल पर बात नहीं हो सकी। इस कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।
जेल अधीक्षक ब्रजेश सिंह मेहता ने कहा कि कोरोना प्रोटोकाल को लेकर आयोजन नहीं करने का ऊपर से ही आदेश था। इस कारण पदाधिकारियों को आमंत्रण नहीं दिया गया। एक पदाधिकारी और मिदनापुर से आए लोगों के प्रवेश के सवाल पर वह चुप्पी साध गए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण आगंतुक का प्रवेश नहीं था, लेकिन कारा परिवार की ओर से सेल एवं फांसी स्थल पर श्रद्धांजलि दी गई। बंदियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।