Muzaffarpur Unlock-1: बसों की संख्या बढ़ी, यात्रियों की संख्या अब भी कम
पटना रूट में चल रहीं अधिक बसें 12 से 15 ही सवारी वापसी में नहीं मिल रहे यात्री। मोतिहारी सीतामढ़ी दरभंगा मधुबनी शिवहर हाजीपुर आदि के भी काफी कम यात्री रहे।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। परिवहन सेवा (Transport service) शुरू होने के बाद बसों की संख्या तो बढ़ी, लेकिन यात्री अब भी काफी कम हैं। नतीजा अधिकतर बसें 12 से 15 सवारियां ही लेकर चल रही हैं। सबसे अधिक पटना रूट पर बसों का परिचालन हो रहा है। इस रूट में पटना के लिए कुछ यात्री मिल रहे, लेकिन वापसी में अधिकतर बसों को सवारी नहीं मिल रही। इससे वे खाली ही आईं। मोतिहारी, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, शिवहर, हाजीपुर आदि के भी काफी कम यात्री रहे। इन रूटों की बसें भी खाली ही रहीं।
मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन (Motor Transport Federation) के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि यात्रियों की संख्या नहीं बढऩे से ट्रांसपोटर्स को नुकसान हो रहा है। यात्री नहीं मिलने से कई रूटों से बसें खाली लौट रहीं। प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने कहा कि ट्रांसपोटर्स आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। लॉकडाउन के बाद परिवहन सेवा शुरू होने के कई दिनों बाद भी यात्रियों की संख्या नहीं बढऩे से संचालक चिंतित हैं। यही स्थिति रही तो बसें चलाना बंद करने की नौबत आ जाएगी। इधर, बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (Bihar State Road Transport Corporation) की बसों में भी यात्रियों का टोटा है। पटना के लिए छह, साहेबगंज, सीतामढ़ी व डुमरी के लिए दो-दो और शिवहर के लिए एक बस का परिचालन हुआ।
आर्थिक तंगी में टैक्स जमा करने के आदेश से चिंता
लॉकडाउन अवधि में बसों का परिचालन ठप रहने से आर्थिक क्षति झेल रहे ट्रांसपोटर्स की टैक्स जमा करने के आदेश ने चिंता बढ़ा दी है। सरकार द्वारा इसे जमा करने की अवधि में विस्तार कर जुर्माना से बचने की दी गई रियायत भी इनकी चिंताओं को दूर नहीं कर पा रही है। कई ट्रांसपोटर्स के बसों के परिचालन संबंधी कई कागजात की वैधता भी समाप्त हो गई। टैक्स, परमिट, प्रदूषण, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि फेल होने से बस संचालकों को जुर्माने का भय सता रहा है।