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अब कैदियों को भी मिलेगी स्नातक-स्नातकोत्तर की डिग्री

मुजफ्फरपुर। जेल में बंद कैदियों के अरमानों में अब पंख लगेंगे। वैसे कैदी जिनके जेल में जाने के

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 02:18 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 02:18 PM (IST)
अब कैदियों को भी मिलेगी स्नातक-स्नातकोत्तर की डिग्री
अब कैदियों को भी मिलेगी स्नातक-स्नातकोत्तर की डिग्री

मुजफ्फरपुर। जेल में बंद कैदियों के अरमानों में अब पंख लगेंगे। वैसे कैदी जिनके जेल में जाने के बाद पढ़ाई बाधित हो गई है, या जिन्हें शिक्षा के प्रति ललक है, वे जेल में बंद होने के बाद भी मैट्रिक, स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री ले सकेंगे। उन्हें पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएगी और ऐसा माहौल दिया जाएगा ताकि उनकी पढ़ाई सुचारू रह सके। जेल में योगदान देने के बाद नए कारा अधीक्षक ने इसकी योजना बनाई है। सब कुछ ठीक रहा तो शीघ्र ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। जेल के नए अधीक्षक रामाधार ¨सह ने बताया कि इसके लिए इंदिरा गांधी खुला विश्वविद्यालय, नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी सहित दूरस्थ शिक्षा केंद्र के संचालकों से मदद ली जाएगी। प्रशासनिक और विभागीय अनुमति के बाद संस्थानों से जुड़े लोग को आमंत्रित किया जाएगा। जेल में ही कैदियों का नामांकन कराया जाएगा। उन्हें पुस्तकें उपलब्ध कराए जाएंगे तथा ऐसा माहौल विकसित करने की कोशिश होगी कि शिक्षा के प्रति रुझान रखने वाले कैदी अपनी पढ़ाई पूरी कर सके। नए सुपरिटेंडेंट रामाधार ¨सह ने शनिवार को योगदान दिया। योगदान देने के बाद उन्होंने जेल का मुआयना किया और यहां की व्यवस्था में सुधार तथा बदलाव के लिए योजनाएं बनाई है। सुपरिटेंडेंट ने कहा कि बरसात में जेल में जलजमाव हो रहा है। इससे कैदियों को काफी परेशानी दिख रही है। कोशिश होगी कि मिट्टी भराई करा कैदियों को इससे निजात दिलाई जाए। साथ ही उन्होंने वार्डों के रंगरोगन कराने की भी बात कही। स्वरोजगार से भी कैदियों का होगा जुड़ाव

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बेतिया के जेल अधीक्षक ने कहा कि विभागीय निर्देश के आलोक में मंडल कारा में बंद कैदियों को स्वरोजगार से जोड़ने की कोशिश होगी। उन्हें अगरबत्ती बनाने, मशरूम तथा छोटे-मोटे सामान बनाने की ट्रे¨नग दिलाई जाएगी। महिला बंदियों को सिलाई कटाई की ट्रे¨नग दिलाई जाएगी। इससे कैदी स्वरोजगार से जुड़ेंगे। तथा खाली समय में इसे कर कमाई भी कर सकेंगे। अधीक्षक ने खाली मन को शैतान का घर बताते हुए कहा कि इसका दूसरा फायदा यह होगा कैदी अपने काम में व्यस्त रहेंगे। जिससे जेल के माहौल में भी बदलाव आएगा। कैदियों के मन से नेगेटिव एनर्जी खत्म होगी और उनमें पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होगा। अधीक्षक ने कहा कि जेल की साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था के लिए भी प्रयास किया जाएगा।


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