अब मुजफ्फरपुर के आरडीएस कॉलेज में तनावमुक्त जीवन जीने का पढ़ाया जाएगा पाठ
कॉलेज परिसर में सुबह और शाम में इतिहास विभाग और मनोविज्ञान विभाग के शिक्षक मिलकर तनाव मुक्त जीवन जीने की कला सिखाएंगे। डॉ.एमएन रिजवी ने कहा कि कॉलेज परिसर को तनाव मुक्त परिसर बनाने के लिए हास्य एवं योग की कक्षाएं भी चलेंगी।
मुजफ्फरपुर, जासं। रामदयालु सिंह कॉलेज के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस को लेकर स्वास्थ्य परिचर्चा आयोजित की गई। विभाग के अध्यक्ष डॉ.संजय सुमन ने कहा कि वर्तमान समय में स्वास्थ्य का संकट गहरा गया है। विश्व स्वास्थ्य दिवस के मिशन स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर बहुत काम करने की जरूरत है। इसी उद्देश्य को लेकर स्नातकोत्तर इतिहास विभाग कॉलेज परिसर में लगातार स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाएगा। कॉलेज परिसर में सुबह और शाम में इतिहास विभाग और मनोविज्ञान विभाग के शिक्षक मिलकर तनाव मुक्त जीवन जीने की कला सिखाएंगे। डॉ.एमएन रिजवी ने कहा कि कॉलेज परिसर को तनाव मुक्त परिसर बनाने के लिए हास्य एवं योग की कक्षाएं भी चलेंगी। स्वास्थ्य जागरूकता के तहत कोविड-19 के कुप्रभाव से बचने के लिए भी अभियान चलाए जाएंगे।
कॉलेज की प्राचार्य डॉ.अमिता शर्मा ने कहा कि इतिहास और मनोविज्ञान विभाग द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में उठाए गए कदम सराहनीय हैं। स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर अन्य विभागों द्वारा भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर शहर के जाने-माने चिकित्सकों से भी सलाह ली जाएगी। नैक को दृष्टि में रखकर सामाजिक दायित्व के तहत कॉलेज के आसपास के स्कूलों और इलाकों में भी स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मौके पर डॉ.अजमत अली, डॉ.अनुपम कुमार, डॉ.रजनीश कुमार गुप्ता, डॉ.राजीव कुमार, डॉ.सौरभ, डॉ.तूलिका, डॉ.आनंद दुबे, डॉ.मनीष कुमार शर्मा व डॉ ललित किशोर ने भी अपने विचार रखे।
अब चेक और ड्रॉफ्ट से भुगतान स्वीकार नहीं करेगा विवि
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेज अब विवि को नेफ्ट और आरटीजीएस से ही भुगतान कर पाएंगे। विश्वविद्यालय की ओर से इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया है। कुलसचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कॉलेजों को भेजे जाने वाले फॉर्म, नामांकन शुल्क समेत किसी प्रकार का भुगतान अब चेक और ड्रॉफ्ट से नहीं किया जा सकेगा। फाॅर्म सप्लाई और परीक्षा शुल्क को लेकर अलग-अलग खाता संख्या कॉलेजों के लिए जारी किया गया है। इससे कॉलेजों को भी सुविधा होगी। क्योंकि विवि के क्षेत्राधिकार में पांच जिले आते हैं। दूर के जिलों से कॉलेज संचालन वहीं से भुगतान कर सकेंगे।