अब पुलिस वालों को भी नहीं छोड़ रहे साइबर अपराधी, बैंकों अकाउंट से निकाल लेते रुपये
साइबर अपराधियों ने एएसपी शिवकुमार राव के बैंक खाता से राशि गायब कर पुलिस को चुनौती दे दी है। इस घटना के बाद पुलिस पदाधिकारी बेहद गंभीर है। मामले की जांच भी तेजी से चल रही है। तकनीकी सेल के स्पॉट भी गुत्थी सुलझाने में लगे है।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। साइबर बदमाश दिनोंदिन पांव पसार रहे है। आमलोगों की बात कौन करें, पुलिस पदाधिकारी भी साइबर बदमाशों के अटैक से नहीं बच पा रहे है। साइबर अपराधियों ने एएसपी शिवकुमार राव के बैंक खाता से राशि गायब कर पुलिस को चुनौती दे दी है। इस घटना के बाद पुलिस पदाधिकारी बेहद गंभीर है। मामले की जांच भी तेजी से चल रही है। तकनीकी सेल के स्पॉट भी गुत्थी सुलझाने में लगे है। इधर बैंक के अधिकारी भी इस मामले में मत्था पेची भी कर रहे हैं कि कहीं बैंक की तकनीकी गड़बड़ी से पैसा इधर-उधर नहीं हुआ है। एएसपी के बैंक खाते से रुपये गायब होने के बाद तरह-तरह की चर्चा है। लोगों का कहना हैं कि जब पुलिस अधिकारी का खाता ही सेफ नहीं तो आम लोगों की बात करना बेमानी है। बता दें कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व साइबर बदमाशों ने मेजर के खाते से रुपया गायब कर दिया था। बाद में अपराधी पकड़ा गया था। अब देखना हैं कि एएसपी के खाते से पैसा गायब करने वाले अपराधी को पुलिस कब तक गिरफ्तार करती है।
फोन कर झांसा देकर भी बदमाश उड़ाते हैं रुपया
साइबर अपराधी का लूट का ट्रेंड भी बदल गया है। फोन कर खुद को बैंक अधिकारी बता पिन नंबर पूछ अपराधी लोगों के बैंक खाता से पैसा उड़ाते है। अगर कोई फोन कर आपका पिन नंबर या एटीएम से बावत पूछताछ करे तो समझ जाइए कि वह साइबर अपराधी हैं। इस तरह के कई वारदातें हो चुकी है, जिसमें अपराधियों ने फोन कर एटीएम बंद होने का झांसा दे हजारों लाखों रुपये का चूना भोले-भाले लोगों को लगा चुके हैं।
वर्ष 2017 में एक फोन ने हिला दिया था जिला पुलिस को
आठ जून 2017 का वह दिन जिला पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। एसपी कार्यालय के तकनीकी सेल में आम दिनों की तरह सब कुछ सामान्य था कर्मी व अधिकारी अपने अपने कार्यो में मशगूल थे। लेकिन जैसे ही समय की सूई ने दो बजकर चौदह मिनट होने के संकेत दिए एक मैसेज ने मानों पूरे जिले में भूचाल ला दिया। तकनीकी सेल के आरक्षी मुन्ना ने एक मैसेज के बारे में वरीय अधिकारियों को जानकारी दी और पुलिस पदाधिकारियों का काफिला निकल पड़ा चनपटिया थाना की ओर। मैसेज भी कुछ अजीब था। चनपटिया थाना को उड़ा दिया जाएगा, डा. अशोक यादव, सुनील यादव, लड्डू यादव और उपेन्द्र यादव।
इस मैसेज से पुलिस महकमें के होश उड़ गए। इसकी वजह भी थी मैसेज तत्कालीन पुलिस कप्तान विनय कुमार के सरकारी मोबाइल पर आया था। फिर क्या था तत्कालीन एसडीपीओ सदर संजय कुमार झा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले भर के थानाध्यक्षों को मैसेज भेज अलर्ट रहने का निर्देश दिया। इसके बाद न केवल चनपटिया थाने की सुरक्षा बढ़ाई गई बल्कि थाना के अंदर प्रवेश करने वालों की पूरी जांच पड़ताल भी की जाने लगी। गोपालपुर के युवक पप्पू यादव के एक मैसेज ने पुलिस वालों की नींद उड़ा कर रख दी। मामला डीजी मुख्यालय तक पहुंच गया। वहां से पल पल की रिपोर्ट बेतिया पुलिस मुख्यालय से मांगी जाने लगी। कार्रवाई करने से लेकर मामले की तह तक जाने की निर्देश पर पुलिस अधिकारी के मोबाइल नंबर की कुंडली खंगालने में जुट गए। चौबीस घंटे के अंदर युवक पुलिस के हत्थे चढ़ गया। जिसने ये करतूत की थी। पुलिस के अनुसार युवक रंगदार बनने की चाह में थाना उड़ाने की धमकी दी। पुलिस ने मामले को साइबर अपराध से जोड़ा और ओरापी युवक को गिरफ्तार किया। बेतिया एएसपी शिव कुमार राव कहना हैं कि बैंक खाते से राशि गायब हुई है। बदमाशों ने तीन बार में रुपये निकाला है। मामले में नगर पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।