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वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन पर अब करें वीटीआर की जैव विविधता का दीदार, दीवारों पर बनाई गई जंगली जानवरों की पेंटिंग

रेलवे तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की योजना के तहत मुजफ्फरपुर-गोरखपुर रेलखंड से गुजरने वाली रेलगाडियों के यात्रियों को आकर्षित करने के लिए वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन पर वीटीआर की जैव विविधता को दीवारों पर उकेरा गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने का है लक्ष्य।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 09:18 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 09:18 AM (IST)
वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन पर अब करें वीटीआर की जैव विविधता का दीदार, दीवारों पर बनाई गई जंगली जानवरों की पेंटिंग
पर्यटकों को लुभाने के लिए वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन पर वीटीआर की जैव विविधता को दीवारों पर उकेरा गया है।

पश्चिम चंपारण, [माधवेंद्र पांडेय]। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाओं पर काम चल रहा है। पर्यटकों को लुभाने के लिए रेलवे तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की योजना के तहत मुजफ्फरपुर-गोरखपुर रेलखंड से गुजरने वाली रेलगाडियों के यात्रियों को आकॢषत करने के लिए वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन पर वीटीआर की जैव विविधता को दीवारों पर उकेरा गया है।

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जगह-जगह अंडरपास भी बनाए जा रहे

दहाड़ते बाघ, फुदकते खरगोश और पानी में बैठे गैंडे के चित्र यात्री देख रहे हैं। इसके अलावा इस रेलखंड के वन क्षेत्र में जगह-जगह अंडरपास भी बनाए जा रहे, ताकि जानवर ट्रैक पर नहीं आएं। कई बन भी चुके हैं। गोरखपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर अवस्थित इस रेल स्टेशन से होकर प्रतिदिन दर्जनों रेलगाड़ियां गुजरती हैं। हालांकि कोरोना की वजह से दो ही ट्रेनें चल रही हैं। स्टेशन के प्रवेश द्वार से लेकर भीतर की सभी दीवारों पर जंगली जानवरों व पक्षियों की कलाकृति यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर रही है।

जैव विविधता से रू-ब-रू कराने का प्रयास

उल्लेखनीय है कि यह रेलवे स्टेशन वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में ही बना हुआ है। मदनपुर वन क्षेत्र में अवस्थित इस रेल स्टेशन से उतर कर पर्यटक बस मार्ग से वाल्मीकिनगर के लिए रवाना होते हैं। वीटीआर के दक्षिणी हिस्से के प्रवेश द्वार के रूप में पहचाने जाने वाले मदनपुर वन क्षेत्र की सीमा उत्तर प्रदेश के सोहगी बरवा जंगल से भी लगी हुई है। जंगल के मनोहारी दृश्यों, ऐतिहासिक व धाॢमक स्थलों के साथ जंगली जानवरों की कलाकृतियों को दीवारों पर ऊकेर कर पर्यटकों को वीटीआर की जैव विविधता से रू-ब-रू कराने का प्रयास किया गया है। जबसे दीवारों पर पेंटिंग बनी है, स्टेशन पर ट्रेन खड़ी होते ही यात्री इन्हेंं देखे बिना नहीं रह पाते।

जैव विविधताओं से भरपूर है वीटीआर

901 वर्ग किलोमीटर में फैला वाल्मीकि टाईगर रिजर्व जैव विविधताओं से भरपूर है। यहां हिरण, बाघ, हाथी, गैंडा, जंगली सुअर, नीलगाय, बारहसिंघा, जंगली भैंसा, बंदर, लंगूर, अजगर, किंग कोबरा, करैत, मोर, कठफोड़ समेत कई अन्य प्रजाति के जीव पाए जाते हैं। वन विभाग ने पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की व्यवस्था की है। वाल्मीकिनगर में साइकिल सफारी, जीप सफारी, हाथी सफारी की सुविधा दी जा रही। ताकि पर्यटक नजदीक से जीवों का दीदार कर सकें। 


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