अब थाने में बड़ा बाबू के आने का नहीं चलेगा बहाना, देनी होगी रिसीविंग
पीडि़त के आवेदन पर ओडी अफसर करेंगे हस्ताक्षर और लगाएंगे मुहर। अहियापुर और कांटी थाने में हुई नई व्यवस्था की शुरुआत ।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अब पीडि़तों के सामने बड़ा बाबू के आने का बहाना नहीं चलेगा। थाने पर तैनात ओडी (ऑफिसर ऑन ड्यूटी) हस्ताक्षर करने के बाद मुहर लगाकर उसी समय पीडि़त को आवेदन की रिसीविंग देंगे। टालमटोल करने वाले पदाधिकारी की शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई होगी। उक्त बातें एसएसपी मनोज कुमार ने शनिवार को क्राइम मीटिंग के दौरान कहीं।
उस समय सिटी एसपी राकेश कुमार, सभी डीएसपी के साथ जिले के सभी थानेदार व ओपी प्रभारी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि पीडि़तों को थाने का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। थानाध्यक्ष के आने का इंतजार नहीं करना होगा। अहियापुर और कांटी थाना में शनिवार से ही नई व्यवस्था की शुरुआत की गई है। शेष थानों में भी जल्द ही यह व्यवस्था लागू होगी। मोतीपुर में शराब माफिया जगन्नाथ राय के खिलाफ जैसी कार्रवाई हुई है, वैसा सभी थाने में होना चाहिए। वारंट और कुर्की जब्ती के लिए लगातार अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
पहले थानेदार ही थे अधिकृत
एसएसपी द्वारा नई व्यवस्था लागू करने से पूर्व थानेदार ही आवेदन की रिसीविंग देने के लिए अधिकृत थे। इसलिए ओडी अफसर पीडि़तों को थाने पर दौड़ाते रहते थे। कहते, बड़ा बाबू के आने के बाद ही रिसीविंग मिलेगी। नई व्यवस्था से पीडि़तों की परेशानी कम होगी।
गुण-दोष के तय होगी रैंकिंग
थानेदार समेत उनके अधीनस्थ अफसरों की रैंकिंग गुण-दोष के आधार पर तय की जाएगी। इससे अपर थानाध्यक्ष, दक्ष अनुसंधानक और दक्ष विधि व्यवस्था संधारक का चयन हो जाएगा। उक्त पदाधिकारी को इसी मानक के अनुसार काम का भार सौंपा जाएगा। इसके लिए उनके जिम्मे जो कांड है, उसका अवलोकन किया जाएगा। कमजोर पदाधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। वरीय पदाधिकारी इन सभी को लोगों से बात करने का तरीका सिखाएंगे।
बैंक अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर बैठक
क्राइम मीटिंग के बाद एसएसपी ने सभी बैंक के अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर एक बैठक की। इसमें तय हुआ कि बैंकों में सुरक्षा बढ़ाई जाए। पुलिस एक दिन में कम से कम तीन बार बैंकों में जाकर जांच करे। सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए। केवल ग्राहकों को ही बैंकों में प्रवेश करने दें। प्रवेश के दौरान पासबुक और आइडी प्रूफ की जांच करें। संदेह होने पर संबंधित थाने को सूचना देकर संदिग्ध को सौंपे।