अब समस्तीपुर डाकघर में बिकेगा मखाना, होम डिलेवरी की भी होगी व्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत एवं वोकल फ़ॉर लोकल की परिकल्पना को साकार करने के लिए उठाया गया कदम। मिथिला मखाना के विभिन्न प्रकार के 25 से 30 प्रकार के उत्पाद की होगी बिक्री। मिथिलांचल के मखाना उत्पादकों को होगा फायदा।
समस्तीपुर, [प्रकाश कुमार]। अब डाकघर में मिथिला के मखाना व उसके सभी प्रोडक्ट की बिक्री होगी। देश-विदेश के लोग बिहार के मखाना का स्वाद चखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत एवं वोकल फ़ॉर लोकल की परिकल्पना को साकार करने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है। बिहार डाक सर्किल ने खुद मखाना बेचने का निर्णय लिया है। इसके लिए डाक विभाग ने मिथिला नातुराल्य प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से करार किया है। मखाना सीधे डाकघर को उपलब्ध होगा। समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और सुपौल सहित अन्य जिलों में उत्पादित मखाना को डाक विभाग अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन बेचेगा। मखाना की बुकिंग करने के लिए डाकघर एक पोर्टल तैयार करेगा। पोर्टल लॉन्च करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति मखाना का ऑर्डर कर सकेंगे। बिहार के पूर्वी प्रक्षेत्र के डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने डाकघरों से मखाना की बिक्री से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया है। डाकघर से आने वाले दिनों में मसाला व आचार की भी बिक्री होगी।
मिथिला मखाना के विभिन्न प्रकार के 25 से 30 प्रकार के उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसमें मखाना खीर, मखाना लाबा, मखाना इंस्टेंट मिल्क शेक, फुल मखाना, मखाना मिनी मंच समेत अन्य उत्पाद होंगे। फुल मखाना का छह प्रकार का है। तीन से चार प्रकार का खीर मखाना होगा। इंस्टेंट मखाना में मिल्क शेक पांच प्रकार का होगा। जबकि आठ प्रकार का मखाना लाबा शामिल होगा। इसके अलावा 16 प्रकार के आचार भी उपलब्ध होंगे। इसमें आम, कटहल, इमली, मिर्ची, लहसुन इत्यादि का आचार होगा।
500 ग्राम का होगा एक पैकेट
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से मखाना बुकिंग करने पर कम से कम 500 ग्राम का पैकेट उपलब्ध रहेगा। इसके अलावा एक किलो, पांच किलो सहित विभिन्न वजन के पैकेट तैयार किए जाएंगे। 500 ग्राम से कम वजन का पैकेज तैयार नहीं किया जाएगा। वजन के अनुसार परिवहन शुल्क तय किया जाएगा। बिहार के किसी जिले से डिमांड आने पर डाकघर के मेल वैन से उसे भेजा जाएगा। दूसरे राज्यों में भेजने के लिए डाक सर्किल अपने वैन के साथ ट्रेन पार्सल का इस्तेमाल करेगा। डाकघर ऑनलाइन दो तरह के मखाना बेचेंगे। एक सूखा और दूसरा रोस्टेड।
मिथिलांचल में होती है 70 फीसदी मखाना की खेती
डाक विभाग के पीएमजी अनिल कुमार ने बताया कि देश के करीब 15 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती होती है। इसमें 80 से 90 फीसदी मखाना का उत्पादन अकेले बिहार में होता है। इसके उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सा सिर्फ मिथिलांचल का है। बिहार में मखाना के उत्पादन के लिए दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और समस्तीपुर प्रमुख जिला हैं।
मखाना की पौष्टिकता अपने आप में अनोखी
मखाना को देवताओं का भोजन कहा गया है। जन्म हो या मृत्यु, शादी हो या गोदभराई, व्रत, उपवास हो या यज्ञ हवन सभी जगह इसका विशेष महत्व रहता है। इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते है। यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशक के उपयोग के उगाया जाता है। अधिकांशतः ताकत की दवाईयां योग से बनाई जाती है। इसकी पौष्टिकता अपने आप में अनोखी है। समस्तीपुर डाक अधीक्षक राजीव कुमार ने कहा कि डाकघर में मखाना की बिक्री शुरू होगी। इसको लेकर विभागीय स्तर पर पत्र मिला है। मिथिला मखाना के विभिन्न प्रकार के 25 से 30 प्रकार के उत्पाद उपलब्ध होंगे।