सरकार ने बढ़ाई सख्ती, अब निजी अस्पतालों के लिए इलाज के रेट चार्ट लगाना जरूरी Muzaffarpur News
निबंधित नर्सिंग होम व जांच केंद्र पर नजर। ऑपरेशन व पैथोलॉजी जांच के खर्च का ब्योरा होगा डिस्प्ले बोर्ड पर। राज्य मुख्यालय के आदेश पर हरकत में आया सीएस कार्यालय।
मुजफ्फरपुर,जेएनएन। नर्सिंग होम में इलाज कराने वाले मरीज अब फीस को लेकर ठगी के शिकार नहीं होंगे। इलाज से पहले उनको नर्सिंग होम की फीस का पता चल जाएगा। मुख्य प्रवेश द्वार पर मोटे अक्षर में बीमारी के इलाज व ऑपरेशन का चार्ज लिखना होगा। इसके साथ उनको यह भी डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा कि कौन चिकित्सक व कौन पारा मेडिकल स्टाफ हैं। इसी तरह से पैथोलॉजी सेंटर चलाने वाले को भी अपने सेंटर पर इस आशय का बोर्ड लगाना होगा कि किस जांच की क्या फीस है। मरीज जब जांच कराने जाए तो उसको फीस की जानकारी हो, ताकि भुगतान के समय मारपीट-गाली-गलौज की नौबत नहीं आए।
निबंधित को किया जा रहा नोटिस
सिविल सर्जन कार्यालय से संबद्ध सभी नर्सिंग होम व पैथोलॉजी सेंटर को इस संबंध में नोटिस भेजा जा रहा। सीएस ने स्पष्ट किया है कि जितना जल्दी हो उतना जल्दी रेट चार्ट को बोर्ड डिस्प्ले होना चाहिए। गाइडलाइन के हिसाब से चार्ट डिस्प्ले के साथ सिविल सर्जन कार्यालय को रिपोर्ट देनी है। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र होगा कि संस्थान में कितने तरह का चिकित्सीय कार्य किया जाता है, ऑपरेशन कार्य पर कितनी राशि ली जाती है।
इस बारे में सिविल सर्जन डाॅ एसपी सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से इलाज की दर के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। इलाज खर्च लिखना अनिवार्य होगा। इससे आए दिन मरीज व नर्सिंग होम संचालक के बीच फीस को लेकर होने वाले तनाव कम होंगे। सरकार के सामने भी पारदर्शिता रहेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद उसको राज्य मुख्यालय भेजा जाएगा वहीं मेडिकल टीम नर्सिंग होम में जाकर वहां मिलने वाली सुविधा की जांच करेगी।