अब मुखिया के हवाले होंगे सरकारी नलकूप, करेंगे रखरखाव
सरकार ने लघु सिंचाई प्रमंडल को दिए निर्देश, प्रमंडल के सभी इंजीनियर देंगे तकनीकी सलाहकार। एक तिहाई मुखिया ही सर्वे में नलकूप रखरखाव को हुए तैयार।
मुजफ्फरपुरर, जेएनएन। जिले के सभी सरकारी नलकूप अब मुखिया के हवाले होंगे। उन पर ही इसके रखरखाव की जिम्मेदारी होगी। लघु सिंचाई प्रमंडल के अभियंता इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर तकनीकी सलाह देंगे। इस संबंध में विभाग के प्रधान सचिव ने निर्देश दिया है। इसके आलोक में जिले में तैयारी शुरू कर दी गई है।
करेंगे आवश्यक उपाय
किसान अब अपने खेत के पास खराब पड़े नलकूपों को देखकर आह नहीं भरेंगे। उन्हें बस अपने स्थानीय जनप्रतिनिधि को इसकी सूचना देनी होगी। उस पर तत्काल मुखिया वहां पहुंचेंगे। गड़बड़ी दूर कराने के लिए आवश्यक उपाय करेंगे।
नहीं मिल रहा था नलकूपों के होने का लाभ
पिछले दिनों किसानों की समस्याओं से रूबरू होने के दौरान सिंचाई के साधनों की कमी की समस्या उभर कर सामने आई थी। पश्चिमी अनुमंडल के सभी प्रखंड में तो एक भी सरकारी नलकूप कार्यरत नहीं होने की शिकायत थी। वहीं, पूर्वी अनुमंडल में कहीं-कहीं नलकूप चालू है। इससे किसानों को नलकूप के होने का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
किसानों के लिए होगी सुविधा
नलकूप बंद रहने पर किसान मुखिया से तुरंत जाकर उसे चालू कराने को कह सकेंगे। इससे उसे अविलंब चालू कराने में कठिनाई नहीं होगी। इससे उन्हें खेतों तक पानी पहुंचाने में सुविधा होगी। पहले विभाग में शिकायत पहुंचने में समय लगता था।
सर्वे में ज्यादातर मुखिया नहीं थे तैयार
सरकार ने मुखिया के हवाले नलकूपों को करने से पहले उनकी भी सहमति ली थी। जिले के मात्र 99 मुखिया ही रखरखाव की जिम्मेदारी लेने को तैयार हुए। मुखिया नहीं चाहते थे कि ये जिम्मेदारी मिले। वे इसे जोखिम मानते हैं। उनका कहना था कि हर तीसरे दिन नलकूप खराब होने की शिकायत मिलेगी। किसानों की अनदेखी करने पर छवि खराब होगी।
मुजफ्फरपुर लघु सिंचाई प्रमंडल कार्यपालक अभियंता रजनीकांत गुप्ता ने कहा कि 'सरकार के निर्देश के आलोक में मुखिया को नलकूपों को सौंपा जाएगा। प्रखंड व पंचायतवार नलकूपों की सूची तैयार की जा रही है। उनको विभाग आवश्यकतानुसार तकनीकी सलाह देता रहेगा।'