Covid-19: अब कोरोना वायरस के संदिग्धों की विशिष्ट नंबर से होगी पहचान, जानिए इसके बारे में
सूबे के हर जिले के लिए अलग अलग होगा कोड आदेश जारी अंग्रेजी वर्णाक्षर व गणितीय अंक को मिलाकर बना विशिष्ट नंबर।
समस्तीपुर, प्रकाश कुमार। प्रदेशभर में कोरोना वायरस के संदिग्धों को अब 14 अंकों का विशिष्ट नंबर मिलेगा। जांच के लिए भेजे जानेवाले सैंपल पर नाम की जगह विशिष्ट नंबर ही दर्ज होगा। इससे संदिग्धों की पहचान गुप्त रह सकेगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के अधीक्षक और सिविल सर्जन को विशिष्ट नंबर प्रदान करने के लिए पत्र जारी किया गया है।
विशिष्ट नंबर में पहले आठ अंग्रेजी वर्णमाला के, जबकि शेष छह गणितीय नंबर होंगे। आइसोलेशन वार्ड में रखे जानेवाले सभी संदिग्धों की केस जांच रिपोर्ट भरी जाती है। उसमें उक्त विशिष्ट नंबर दर्ज करना अनिवार्य होगा। कोरोना वायरस से बचाव के लिए बाहर से लौटनेवाले लोगों के भी केस जांच रिपोर्ट फॉर्म भरे जाएंगे। होम क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों के भी सैंपल जांच लिए जा रहे। प्रत्येक जिले में संदिग्ध अथवा कन्फर्म की रिपोर्ट तैयार कराने की जवाबदेही सिविल सर्जन एवं अस्पताल के उपाधीक्षक को दी गई है।
जिला कोड के अनुसार बनेगा विशिष्ट नंबर
विशिष्ट नंबर में अंग्रेजी वर्णमाला के पहले तीन अक्षर सीओवी (कोरोना वायरस) और दो अक्षर बीआइ (बिहार) राज्य को दर्शाते हैं। जबकि, अगले तीन अक्षर उस जिले का कोड होता है, जहां का संदिग्ध होगा। गणितीय नंबर में पहले दो अंक (20) वर्ष और अंतिम चार अंक 0001 केस संख्या बताते हैं।
समस्तीपुर के संदिग्ध का इस प्रकार होगा विशिष्ट नंबर
अगर, समस्तीपुर जिले के किसी संदिग्ध की पहचान कर सैंपलिंग की जाती है तो उसका विशिष्ट नंबर सीओवी-बीआइ-एसएएम-20-0001 होगा। इसमें एसएएम समस्तीपुर का जिला कोड है। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों के भी विशिष्ट नंबर स्थानीय कोड बदलकर तैयार किए जाएंगे।
पटना स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस के संदिग्धों को अब विशिष्ट नंबर प्रदान किया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक व सिविल सर्जन को पत्र जारी किया गया है। विशिष्ट नंबर बनने से जांच रिपोर्ट देने में समस्या नहीं होगी।