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अब एक जगह मिलेगी देशभर के लीची किसानों की जानकारी, नेशनल डाटाबेस हो रहा तैयार

लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी तैयार कर रहा किसानों का नेशनल डाटाबेस। देशभर के किसानों को पैदावार बढ़ाने व लीची संबंधित मिलेगी जानकारी।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 08:21 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:21 AM (IST)
अब एक जगह मिलेगी देशभर के लीची किसानों की जानकारी, नेशनल डाटाबेस हो रहा तैयार
अब एक जगह मिलेगी देशभर के लीची किसानों की जानकारी, नेशनल डाटाबेस हो रहा तैयार

मुजफ्फरपुर , राकेश कुमार। अब एक क्लिक पर देशभर के लीची किसानों की जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुशहरी लीची किसानों का नेशनल डाटाबेस तैयार कर रहा। देशभर के किसानों को केंद्र से जुडऩे के लिए मोबाइल पर लिंक भेजा जा रहा। जुड़े किसानों को लीची की खेती से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार की योजनाओं से भी अवगत हो सकेंगे। मालूम हो कि वर्तमान समय में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुरुग्राम से लीची से जुड़े किसानों का आंकड़ा लिया जाता है। 

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डाटाबेस में किसानों की आने वाली समस्या, शाही या चाइना लीची में किसका उत्पादन करते, उत्पादों की गुणवत्ता, उनके बगान की उम्र, कैसे करें खेती, उनके खेतों का लेखा-जोखा आदि को रखा जाएगा। वे लीची केंद्र से जुड़ेंगे और केंद्र सरकार से। उत्पादन कम होने, उसे बढ़ाने, सरकारी योजनाओं की जानकारी, समय-समय पर उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण, पौधों में छिड़काव, खेतों की उम्र के हिसाब से पैदावार बढ़ाने आदि की जानकारी मिलेगी। इससे उन्हें काफी फायदा होगा। साथ ही लीची की बेहतर पैदावार करने में भी सहायक होगी। 

पांच सौ से अधिक किसान जुड़ चुके

लीची अनुसंधान केंद्र की ओर से डाटाबेस से जुडऩे के लिए किसानों को मोबाइल पर लिंक भेजा जा रहा है। तकरीबन पांच सौ किसान जुड़ चुके हैं। बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने लीची केंद्र की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे स्थानीय के साथ-साथ अन्य प्रदेशों के लीची किसानों को भी फायदा होगा। मुशहरी के किसान संजय कुमार ने बताया कि किसानों को मोबाइल के जरिये लीची की देखभाल की सही जानकारी मिलेगी। लीची किसान अर्जुन कुशवाहा व मनोज सिंह की मानें तो बेहतर उत्पादन के टिप्स समय-समय पर किसानों को मिलेंगे। 

 राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विशालनाथ का कहना है कि नेशनल डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तीन हजार से अधिक लीची किसानों को लिंक भेजा गया है। अब एक ही जगह देशभर के लीची उत्पादकों की जानकारी रहेगी। इससे जुडऩे से किसानों को काफी फायदा होगा। 


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