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वित्तरहित शिक्षकों ने विधायक का किया घेराव

बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी संघ ने आठ सूत्री मांगों को लेकर बोचहां विधायक बेबी कुमारी के मिठनपुरा स्थित आवास का घेराव किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 01:31 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 01:31 AM (IST)
वित्तरहित शिक्षकों ने विधायक का किया घेराव
वित्तरहित शिक्षकों ने विधायक का किया घेराव

मुजफ्फरपुर : बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी संघ ने आठ सूत्री मांगों को लेकर बोचहां विधायक बेबी कुमारी के मिठनपुरा स्थित आवास का घेराव किया। अध्यक्ष पीके शाही के नेतृत्व में शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर दो घंटे तक विधायक आवास पर नारेबाजी की। वे आठ वर्षों से लंबित अनुदान की राशि के अविलंब भुगतान करने की मांग कर रहे थे। शिक्षकों ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण संकट की इस घड़ी में आपदा राहत कोष से सहायता दी जाए। शिक्षकों ने कहा कि अनुदान नहीं अब वेतनमान चाहिए। साथ ही सभी वित्तरहित कॉलेजों का सरकार अधिग्रहण करे। अध्यक्ष प्रो.पीके शाही ने कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो आमरण अनशन किया जाएगा। विधायक ने शिक्षकों को एक सप्ताह के भीतर सीएम से मिलकर वित्तरहित शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का आग्रह करने का भरोसा दिलाया। प्रतिनिधिमंडल में प्रो.कमलेश कुमार, प्रो.शरतेदु सिंह, डॉ.दिनेश मिश्रा, डॉ.रवि शंकर, डॉ.विभूति सिंह, डॉ.प्रकाश कुमार, डॉ.रणविजय सिंह, डॉ.विनय कुमार विपिन, डॉ.अरुण कुमार, डॉ.प्रमोद कुमार, डॉ.उमेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ.सुनील कुमार, डॉ.शशांक शेखर, डॉ.धीरेंद्र कुमार सिंह और डॉ.शशि शेखर थे।

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परीक्षा कॉपी मूल्यांकन के पारिश्रमिक राशि का करें भुगतान : माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक वाíषक परीक्षा कॉपी मूल्याकन कार्य की पारिश्रमिक राशि के भुगतान की मांग की गई है। पूर्व एमएलसी डॉ. नरेंद्र प्रसाद सिंह ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, डीएम सहित अन्य पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने निवेदन किया है कि, कोरोना वायरस के कारण पूरे भारत में पिछले लॉकडाउन है। लोग घरों में बंद हैं। उसी बीच नियोजित शिक्षकों की हड़ताल चल रही थी, जिसके कारण उन लोगों का वेतन भुगतान नहीं हो पाया। वित्तरहित शिक्षकों का पिछले दो वर्षो से अनुदान की राशि लंबित है। ऐसी परिस्थिति में नियोजित शिक्षाकों एवं वित्तरहित शिक्षकों को घोर वितीय संकट से गुजरना पड़ रहा है। संकट की घड़ी में कॉपी मूल्यांकन कार्य में लगे नियोजित शिक्षकों का भुगतान मिलने से उन्हें आर्थिक सहायता मिल जाएगी।


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