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समस्तीपुर-मुसरीघरारी मुख्य पथ के लिए एनओसी का पता नहीं, शुरू करा दिया काम

पिछले तीन साल से अधर में लटका है सड़क चौड़ीकरण का कार्य। बिना चौड़ीकरण किए डिवाइडर बना देने से आवागमन में हो रही परेशानी। आए दिन इसकी वजह से हो रहे हादसे। चौड़ाई कम होने की वजह से जाम की स्थिति भी बनी रहती है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 19 Sep 2022 02:37 PM (IST)Updated: Mon, 19 Sep 2022 02:37 PM (IST)
समस्तीपुर-मुसरीघरारी मुख्य पथ के लिए एनओसी का पता नहीं, शुरू करा दिया काम
बिना पेड़ हटाए चौड़ीकरण का काम संभव नहीं। फोटो: जागरण

समस्तीपुर, जासं। विभागीय अधिकारियों के कार्य करने की शैली से कई योजनाएं लंबित पड़ी हैं। संबंधित विभाग से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लिए कार्य तो शुरू करा दिया जाता है, लेकिन बाद में यह मामला फंस जाता है। वह योजना आगे चलकर अधर में लटक जाती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ है समस्तीपुर-मुसरीघरारी मुख्य पथ के साथ। यह पथ समस्तीपुर का लाइफलाइन माना जाता है। पिछले तीन साल से इस सड़क का चौड़ीकरण और डिवाइडर का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ है।

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बता दें कि मुसरीघरारी से समस्तीपुर होते हुए दरभंगा,मधुबनी जाने का यह मुख्य मार्ग है। इस होकर प्रतिदिन लाखों वाहन गुजरते हैं। यूं कहें कि यह सड़क हमेशा व्यस्त रहने वाली सड़कों में शुमार है। पहले से इस सड़क की चौड़ाई कम रहने और डिवाइडर नहीं होने की वजह से आने-जाने में परेशानी हो रही थी। इसको देखते हुए तीन साल पहले इस सड़क का चौड़ीकरण और डिवाइडर बनाने काे लेकर टेंडर किया गया। टेंडर के बाद काम भी शुरू करा दिया गया। समस्तीपुर से जमुआरी पुल तक पहले से ही सड़क चौड़ी थी।

हमेशा जाम की स्थिति

डिवाइडर बना हुआ था। जबकि जमुआरी पुल से मुसरीघरारी तक काफी संकड़ी सड़क थी। इस वजह से दुर्घटना तो होती ही थी, हमेशा सड़क जाम की स्थिति बनी रहती थी। संवेदक ने जमुआरी पुल से मुसरीघरारी तक की सड़क को चौड़ीकरण करने के लिए गड्ढा खोदकर मेटल भी डाल दिया लेकिन पहले से जगह-जगह लगे पेड़ बीच में आड़े आ गई। जब तक पेड़ काटकर नहीं हटाया जाता या उसे शिफ्ट नहीं किया जाता, तब तक इसका चौड़ीकरण कार्य किया जाना संभव नही है। इस वजह से कार्य अटका पड़ा है।

बगैर क्लीयरेंस लिए ही शुरू करा दिया गया काम

बताया जाता है कि सड़क के चौड़ीकरण की जद में आने वाले पेड़ों को हटाने के लिए निविदा से पूर्व वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसके कारण यह पेंच फंस गया है। जब तक वन विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिलता, तब तक यह कार्य अब आगे नहीं बढ सकता है। ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला चल रहा है। पिछले एक साल से पथ निर्माण विभाग इस मामले को हल करने के लिए जुटा हुआ है, लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर बिजली के खंभे को भी नहीं हटाए गए है। बिजली विभाग को भी पहले से गाड़े गए पोल को हटाकर साइड करना होगा, तभी यह काम आगे बढेगा।

सबसे खराब सड़कों में हो गया है शुमार

मुसरीघरारी से समस्तीपुर जाने वाली सड़क में कई जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। बारिश होने के कारण कई जगहों पर घुटना भर पानी लग जाता है। बारिश के बाद विभाग के द्वारा रोड़ा-पत्थर डालकर किसी तरह चलने लायक तो बना दिया जाता है लेकिन दो-तीन दिनों के बाद फिर पुरानी स्थिति में पहुंच जाती है। इससे एक ओर जहां दुर्घटनाएं हो रही है, वहीं दूसरी ओर वाहन भी फंस जा रहे हैं। जिससे आने-जाने में लोगों को अक्सर परेशानी झेलनी पड़ती है।

खुद कर रहा प्रयास

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता उदय कुमार सिंह ने बताया कि वन विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण इस सड़क के चौड़ीकरण का कार्य पूरा नहीं किया जा रहा है। पिछले एक साल से इसको लेकर वे खूद प्रयासरत हैं। ग्रीन ट्रिब्यूनल रांची में मामला चल रहा है। वहां से क्लीयरेंस मिलने के बाद ही इसमें काम आगे बढ सकता है। बिना क्लीयरेंस लिए टेंडर करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे एक साल से यहां पदस्थापित हैं। उनके कार्यकाल के पहले से यह निर्माण कार्य चल रहा है। वन विभाग से एनओसी लेकर यदि काम कराया जाता तो आज यह परेशानी नहीं होती। 


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