मोतीपुर के 132 क्वारंटाइन सेंटरों पर कोई संदिग्ध मरीज नहीं
मुजफ्फरपुर विदेश व अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था मोतीपुर में धरातल पर दिखावा बनकर रह गई है।
मुजफ्फरपुर: विदेश व अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था मोतीपुर में धरातल पर दिखावा बनकर रह गई है। जिला प्रशासन के निर्देश पर हल्का कर्मचारियों ने इन सेंटरों का भौतिक सत्यापन किया, जहा अधिकतर या तो बंद थे या फिर संदिग्ध मरीज नदारद थे। बताया गया कि प्रखंड में 132 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। ये सभी सेंटर प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में है जिसके प्रधान शिक्षक को उसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। जिनपर क्वारंटाइन होने वाले लोगों के आवासन, साफ सफाई की जवाबदेही है। विदेशों या फिर अन्य शहरों से आनेवाले लोगों की जानकारी मुख्यालय तक पहुंचाने तक की जवाबदेही आगनबाड़ी सेविकाओं को दी गई है। मोतीपुर प्रखंड बाल विकास कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार अबतक तीन सौ लोग प्रखंड के विभिन्न गांवों में होम क्वारंटाइन में हैं। जबकि 16 वैसे लोग हैं जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इन क्वारंटाइन सेंटरों पर एक भी संदिग्ध या फिर प्रदेश या विदेशों से लौटे लोग आवासन नहीं कर रहे। बीडीओ संजय कुमार सिंह ने बताया कि कुछ सेंटर पर लोग हैं। उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। बाकी लोगों के स्वास्थ्य की जाच निरंतर कराई जा रही है।
क्वारंटाइन सेंटरों में लटके रहे ताले
बंदरा प्रखंड की सभी पंचायतों में 12 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं जो सत्यापन के दौरान बंद मिले। बीडीओ अलख निरंजन ने बताया कि प्रखंड में अबतक 810 प्रवासियों को क्वारंटाइन कराया गया। मोबाइल के माध्यम से भी उन्हें लगातार ट्रैक किया जा रहा है। पंचायतों में खोले गए क्वारंटाइन सेंटरों में जाने से कतराने के कारण लोगों को घर पर ही क्वारंटाइन कराया जा रहा है। होम क्वारंटाइन पर रहने वालों को 14 दिनों के बाद फ्री कर दिया जाता है। हालांकि उनपर लगातार नजर बनाए रखी जाती है। इधर, प्रखंड मुखिया संघ के कार्यकारी अध्यक्ष गुड्डू कुमार का कहना है कि किसी भी पंचायत में क्वारंटाइन सेंटर काम नहीं कर रहा। इस कारण प्रवासी सीधे अपने घरों में जा रहे हैं।