मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर से प्रतिदिन निकलने वाले करीब दो सौ टन कूड़े को ठिकाना लगाना नगर निगम के लिए चुनौती बन गई है। कूड़ा डंपिंग से नारकीय हालत पैदा होने पर मंगलवार को दादर के लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। लाठी-डंडा लेकर कचरा डंप करने पहुंचे निगम कर्मचारियों को खदेड़ दिया। कर्मी किसी तरह जान बचाकर भागे। शहर के अधिकतर हिस्सों से कूड़े का उठाव नहीं हो पाया। कूड़े का उठाव नहीं होने से शहर की सड़कों एवं गली-मोहल्लों में कचरा जमा हो गया। शाम में बारिश होने के कारण सड़क पर जमा कचरा फैल गया और नारकीय हालत हो गई। यदि डंपिंग स्थल की व्यवस्था नहीं हुई तो हालात और बिगड़ जाएंगे। निगम के बहलखाना प्रभारी रामलखन सिंह ने कहा कि वैकल्पिक डंपिंग स्थल की तलाश में देर रात तक प्रयास किया गया, फिलहाल स्थान तय नहीं हो पाया है।
बार-बार निगम कर्मियों को झेलना पर रहा आक्रोश
कूड़ा डंपिंग को लेकर निगम कर्मचारियों को बार-बार लोगों का आक्रोश झेलना पड़ रहा। एक बार तो लोगों ने निगम के ट्रैक्टर चालक को रात भर बंधक बना रखा था। उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला की पहल के बाद उसे मुक्त किया गया था। कई बार कर्मचारी आक्रोशित लोगों की पिटाई से बचे हैं।
पहले निगम द्वारा शहर का कूड़ा शहर से 15 किमी दूर रौतनिया स्थित निगम की जमीन पर डंप किया जाता था। लेकिन, कूड़ा के जलने से होनेवाली समस्या से नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के दौरान निगम को वहां कूड़ा डंप करने से रोक दिया। ग्रामीणों के विरोध के कारण निगम कर्मचारियों को वहां से भाग कर जान बचानी पड़ी थी। उसके बाद बोचहां में कूड़ा डंप किया जाने लगा। लेकिन, वहां के लोगों ने निगम को कूड़ा डंप करने से रोक दिया। फिर निगम शहर के पश्चिमी सीमा नारायणपुर में डंपिंग का काम किया। पिछले माह वहां के लोगों ने भी निगम को कचरा डंप करने से रोक दिया। नारायणपुर के बाद निगम द्वारा दादर में एनएच किनारे कचरा डंप किया जा रहा था। इससे लोग आक्रोशित हो गए और मंगलवार को एक बार फिर ट्रैक्टर चालकों एवं कर्मचारियों को खदेड़ दिया। बार-बार लोगों की नाराजगी झेल रहे कर्मचारी डरे हुए हैं।
कचरा कहां डंप हो, इसकी चिंता किसी को नहीं
वार्ड पार्षदों को सफाई चाहिए, अधिकारी को काम, पर शहर से निकलने वाले कूड़ा को कहा ठिकाना लगाया जाए, इसकी चिंता नहीं। कर्मचारी जब लोगों के आक्रोश का शिकार हो जाएंगे तब उनकी नींद खुलेगी। यह कहना है निगम के सफाईकर्मियों का। उनका कहना है कि पार्षद एवं अधिकारी को थोड़े ही लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है, लोगों के निशाने पर तो कर्मचारी रहते हैं।
इस बारे में अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने कहा कि कचरे की डंपिंग एक गंभीर समस्या बनी हुई है। रौतनिया डंपिंग स्थल को लेकर ग्रामीणों से बात की जा रही है। नए स्थान की भी तलाश चल रही है। समस्या का निदान किया जाएगा।
वहीं, महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि समस्या गंभीर है। इस संबंध में वे नगर आयुक्त से बात करेंगे। पूर्व नगर आयुक्त की लापरवाही के कारण यह हालत हुई है। लेकिन, अब इस समस्या का हल निकाला जाएगा।
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