नित्यानंद का विपक्ष पर वार, बोले- पाकिस्तान के साथ सुर मिला रहे राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने रविवार को बगहा रक्सौल व रामगढ़वा में CAA की जानकारी देने के लिए आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। बोले- सीएए पर दुष्प्रचार कर रहा विपक्ष।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष लोगों खासकर एक संप्रदाय विशेष को गुमराह कर रहा है। कारण यह है कि विपक्ष अपने अस्तित्व पर उठे संकट को लेकर भयभीत है। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने रविवार को बगहा, रक्सौल व रामगढ़वा में नागरिकता संशोधन कानून की जानकारी देने के लिए आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि इस मामले में भ्रम नहीं फैलाएं। इससे बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों को सोचना चाहिए कि वे पाकिस्तान के साथ सुर मिला रहे हैं।
बगहा के अनुमंडलीय मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए श्री राय ने कहा कि भाजपानीत सरकार ने इस कानून में सिर्फ संशोधन किया है। यह कानून पूर्व से ही लागू था। रक्सौल के कोईरिया टोला नहर चौक पर पेट्रोल पंप परिसर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में श्री राय ने विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी को हानि पहुंची है तो वे बताएं।
श्री राय ने कहा कि सीएए कानून नागरिकता देने के लिए है। लेने के लिए नहीं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया वे घर-घर जाए लोगों को इस कानून की जानकारी दें। रामगढ़वा में हनुमान मंदिर के बगल में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री राय ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश आदि देशों से जो गरीब प्रताडि़त होकर हमारे देश में आए हैं उन्हें देश का नागरिक बनाया गया है।
नेहरू, जिन्ना की महत्वाकांक्षा ने देश के टुकड़े कर दिए : डा. संजय
जनसंवाद सभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह पश्चिमी चंपारण सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि नेहरू, जिन्ना और माउंट बेटन की महत्वाकांक्षा ने देश के टुकड़े कर दिए। अब एक बार फिर से विपक्षी धर्म के आधार पर देश को बांटने की साजिश रच रहे हैं। संपूर्ण भारतवर्ष इस बात को समझ चुका है। नागरिकता संशोधन कानून हितों की रक्षा के लिए बना है। यह ऐसा कानून है जिसकी संभावना महात्मा गांधी ने व्यक्त की थी। इसके संबंध में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, लोहिया, मनमोहन ङ्क्षसह ने भी कहा था।