वीजा शर्तों के उल्लंघन मामले में नौ बांग्लादेशी जमाती गिरफ्तार, टूरिस्ट वीजा लेकर कर रहे थे धर्म का प्रचार
सभी को भेजा गया जेल समस्तीपुर में संरक्षण देनेवाले पर भी दर्ज किया गया मामला। एक अप्रैल का शहर के धर्मपुर से सभी को किया गया था गिरफ्तार। 14 दिन रखा गया था क्वारंटाइन सेंटर में।
समस्तीपुर, जेएनएन। शहर के धर्मपुर मोहल्ले से 14 दिन पूर्व पकड़े गए नौ बांग्लादेशी जमातियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें जेल भेज दिया गया। वीजा शर्तों का उल्लंघन एवं महामारी एक्ट के तहत सभी के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। शहर के एक गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन का समय पूरा होते ही पुलिस ने यह कार्रवाई की। जिला प्रशासन द्वारा सभी जमातियों की जांच कराई गई थी। इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इनपर यह भी आरोप है कि टूरिस्ट वीजा लेकर धर्म का प्रचार कर रहे थे। जिले में रहने के बावजूद प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी गई।
सभी के टूरिस्ट वीजा जब्त
दिल्ली में जमातियों के कोराना संक्रमित होने की सूचना के बाद स्थानीय पुलिस भी चौकस हो गई थी। इसी क्रम में श्हर के धर्मपुर स्थित एक आवासीय परिसर से नौ बांग्लादेशियों के होने की सूचना मिली थी। पकड़े जाने के बाद मेडिकल टीम ने उनकी जांच की। बाद में वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर शहर के एक गेस्ट हाउस स्थित आइसोलेशन वार्ड में सभी को रखा गया। इस दौरान कोरोना संक्रमण की भी जांच कराई गई।
इस मामले में पुलिस ने जमातियों के अलावा संरक्षण देनेवाले के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। आरोप है कि जमातियों को दूरिस्ट वीजा पर लाकर धर्म का प्रचार करा रहे थे। नगर थानाध्यक्ष सीताराम प्रसाद ने बताया कि सभी जमातियों के पास से बांग्लादेश का टूरिस्ट वीजा जब्त किया गया है।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
मिनाजुर रहमत, अबुल बसर उर्फ मो. अब्दुल बरी, मो. रहनुल इस्लाम, इमदादुल हल, मो. मैहफुजुर रहमान, मो. रुबेल सरकार, मो. अल अमीन, मो. निसार अहमद, शेख तोरब को गिरफ्तार किया है। ये सभी बांग्लादेशी नागरिक हैं, जो टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। 28 फरवरी को समस्तीपुर पहुंचे। यहां जिले के विभिन्न मस्जिदों में घूम-घूम कर तबलीगी जमात के लिए धर्म का प्रचार-प्रसार किया। इस दौरान लॉकडाउन के बाद भी जगह-जगह लोगों को एकत्र किया। धर्मपुर स्थित बैतल चौक निवासी डॉ. इश्तेहाक ने जिला प्रशासन को बिना सूचना दिए अपने घर में विदेशी नागरिकों को शरण दिया था। जहां एक अप्रैल को सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस और मेडिकल टीम ने सभी जमातियों को पकड़ा।