Move to Jagran APP

मुजफ्फरपुर में फाइलेरिया से निजात को अक्टूबर में होगा नाइट ब्लड सर्वे, समझिए मरीजों को क्या होगा फायदा

पहले सर्वे का काम किया जाएगा। स्पष्ट आंकड़े आ जाने के बाद सर्वजन दवा सेवन के तहत आइडीए अभियान चलेगा। नीति आयोग ने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चल रहे प्रयास के लिए जिले की सराहना की है। जिले में 15 हजार फाइलेरिया से पीड़ित लोगों की लिस्टिंग की गई है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 16 Sep 2022 10:52 AM (IST)Updated: Fri, 16 Sep 2022 10:52 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में फाइलेरिया से निजात को अक्टूबर में होगा नाइट ब्लड सर्वे, समझिए मरीजों को क्या होगा फायदा
फाइलेरिया केस के आधार पर स्थायी साइट का चुनाव किया जाएगा। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। नीति आयोग ने डीडीसी आशुतोष द्विवेदी द्वारा फाइलेरिया पर प्रस्तुत रिपोर्ट की तारीफ की है। फाइलेरिया कार्यक्रम के लिए जिले की सराहना की गई है। अक्टूबर से जिले में नाइट ब्लड सर्वे की भी शुरुआत होगी। गुरुवार को यह बातें सिविल सर्जन डा. उमेश चंद्र शर्मा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा नाइट ब्लड सर्वे को लेकर आयोजित वर्कशॉप में कही। उन्होंने कहा कि इस बार नाइट ब्लड सर्वे को एक उत्सव की तरह मनाएंगे।

loksabha election banner

कार्यक्रम की शुरुआत डब्ल्यूएचओ की डा. माधुरी ने फाइलेरिया के बारे में विस्तार से चर्चा कर की। उन्होंने कहा कि जिले में हाल में ही 15 हजार फाइलेरिया से पीड़ित लोगों की लाइन लिस्टिंग की गयी है। अभी हाइड्रोसील के लगभग दो हजार मरीज की लाइन लिस्टिंग है। जो वास्तविकता में 25 हजार के करीब हो सकती है। क्योंकि बिहार में अगर सौ में 37 मरीज लिंफेटिक फाइलेरिया के हैं तो हाइड्रोसील में यह 62 प्रतिशत होगी।

डब्ल्यूएचओ एनटीडी के राज्य प्रमुख डा. राजेश पांडेय ने फाइलेरिया के होने और उसके स्टेज के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया में सबसे प्रमुख इसके प्रसार को रोकना है, क्योंकि इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है। अगर नाइट ब्लड सर्वे में एक प्रतिशत से कम लोग पॉजिटिव मिलते हैं तो यह अच्छी बात होगी।

वर्कशाप के दौरान सीएस ने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे अक्टूबर में होगी। प्रत्येक प्रखंड से दो साइट का चुनाव किया जा रहा है। एक साइट पर 300 ब्लड सैंपल कलेक्शन करना है, अर्थात एक प्रखंड में 600 ब्लड सैंपल इकठ्ठा करना है। इसमें एक स्थायी साइट तथा एक रैंडम साइट होंगे। फाइलेरिया केस के आधार पर स्थायी साइट का चुनाव किया जाएगा। एनबीएस रात के आठ बजे से 12 बजे के बीच होगा क्योंकि इसी बीच फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा एक्टिव होते हैं। सर्वे 20 साल के ऊपर के व्यक्तियों का ही होगा। 28 सितंबर को लैब टेक्नीशियन को राज्यस्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

एनबीएस के बाद चलेगा आइडीए राउंड

सीएस ने कहा कि अभी तक जिले में एमडीए के तहत सिर्फ दो दवा खिलाई जाती थी, लेकिन इस बार जिले में आइडीए के तहत तीन दवा खिलाई जाएगी। इसमें आइवरमेक्टिन नाम की दवा पहली बार मिलेगी। लगातार दो साल तक दवा खाने से फाइलेरिया से बचाव संभव हो पाएगा। इस दवा को डोज पोल के हिसाब से खिलाया जाएगा। वर्कशाप में एसीएमओ डा. सुभाष प्रसाद, पुरुषोत्तम कुमार, डीटीएल सौरभ तिवारी, डीपीओ सोमनाथ ओझा, पीसीआइ के संजय सिंह ने भाग लिया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.