'मेवा' खाने वाले एनजीओ की खत्म होगी सेवा
मुजफ्फरपुर। बालिका गृह में यौन ¨हसा का मामला उजागर होने के बाद अब सेवा के नाम पर लाखों रुपये का मेवा
मुजफ्फरपुर। बालिका गृह में यौन ¨हसा का मामला उजागर होने के बाद अब सेवा के नाम पर लाखों रुपये का मेवा खाने वाले गैर सरकारी स्वयं सेवा संस्थानों (एनजीओ) पर कार्रवाई संभव है। समाज कल्याण विभाग गड़बड़ी करने वाले एनजीओ की कुंडली खंगालने में जुटा है। इसकी जद में नशा मुक्ति, दिव्यांग, वृद्ध, महिला, बालक-बालिकाओं और युवतियों आदि की सुरक्षा एवं संरक्षा के नाम पर लाखों की कमाई करने वाले ही आएंगे। इन पर समाज कल्याण विभाग, पटना की कड़ी नजर है। विभाग को जिले के कई एनजीओ संचालकों की गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थीं। लेकिन, सेटिंग की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। पर, अब ऐसा संभव नहीं है। इस बीच खबर है कि कार्रवाई से बचने के लिए कई एनजीओ संचालक कागजात व हालात दुरुस्त करने में जुटे हैं।
जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने बताया कि अब तक कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला है। लेकिन, वरीय अधिकारियों के निर्देश मिलते ही कार्रवाई होगी। जिले में सक्रिय एनजीओ
- राजीव नशा मुक्ति केंद्र : नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्यरत।
- अभिनंदन : नशा मुक्ति के लिए कार्यरत।
- साथी फाउंडेशन : नशा मुक्ति के क्षेत्र में काम।
- उद्यमी कल्याण सेवा संस्थान : नशा मुक्ति के क्षेत्र में काम।
- उमाकांत बिहारी सेवा आश्रम : नशा मुक्ति के क्षेत्र में काम।
- अल्पसंख्यक एवं हरिजन समाज कल्याण केंद्र : नशा मुक्ति के क्षेत्र में काम।
- बाबा गरीबनाथ दिव्यांग सह जन सेवा संस्थान : मूक बधिर बच्चों का स्कूल।
- शुभम दिव्यांग संस्थान : दृष्टि बधिर विकलांगों का शिक्षण-प्रशिक्षण।
- बिहार दिव्यांग कल्याण परिषद : मूक बधिर, मानसिक एवं अस्थि दिव्यांग विशेष स्कूल।
- गोधूलि वृद्धाश्रम : वृद्धों के लिए
- निर्देश : बालगृह, चाइल्ड लाइन विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण।
- वामा शक्ति वाहिनी : कम्युनिटी बेस्ड ऑर्गेनाइजेशन, रेड लाइट एरिया।
- जीवन ज्योति कला केंद्र : माइक्रो फाइनेंस।
- ग्रामीण महिला विकास समिति : महिला के क्षेत्र में।
- आकांक्षा सेवा सदन : बालश्रम, स्वास्थ्य।
- बीआर आंबेडकर हरिजन सेवा संस्थान : दत्तक ग्रहण केंद्र।